जानें, ताइवान के प्रति चीन की बढ़ती दिलचस्पी के पीछे बड़ी वजह, क्या बाइडन का रुख भांप रहा है बीजिंग
अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालते ही चीन ताइवान में सक्रिय हो गया है। आखिर ताइवान पर चीन की इस सक्रियता के क्या निहितार्थ है। खासकर तब जब अमेरिका में बाइडन ने सत्ता संभाली है। इस सक्रियता के क्या निहितार्थ है।
अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालते ही चीन ताइवान में सक्रिय हो गया है। चीन के युद्ध विमानों ने लगातार ताइवान की सीमा में प्रवेश किया। आखिर चीन के इस शक्ति प्रदर्शन के क्या निहितार्थ हैं। बाइडन के सत्ता ग्रहण करते ही आखिर चीनी सेना ताइवान में क्यों सक्रिय हो गई है। रविवार को चीन के 15 एयर क्राफ्टों ने ताइवान में सीमा में प्रवेश किया। हालांकि, चीन के इस कदम पर अमेरिका ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। आखिर ताइवान पर चीन की इस सक्रियता के क्या निहितार्थ है। खासकर तब जब अमेरिका में बाइडन ने सत्ता संभाली है। इस सक्रियता के क्या निहितार्थ है।
बाइडन के शपथ के बाद ताइवान पर सक्रिय हुआ चीन
गत कुछ महीने में चीन ने दक्षिण चीन सागर में दक्षिणी ताइवान के नियंत्रण वाले प्रतास द्वीपों के बीच जलीय क्षेत्र में नियमित उड़ाने भरी हैं। चीन ने इन उड़ानों के लिए एक से लेकर तीन टोही विमानों या एंटी सबमरीन युद्धक विमान को इस्तेमाल किया जाता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि शनिवार को आठ परमाणु हथियार लेकर चलने के लिए तैयार चीनी बमवर्षक विमान एक एंटी सबमरीन विमान ताइवान के जोन में प्रवेश किया था। दोनों ही मौकों पर ताइवान की एक एयर फोर्स विमानों को चेतावीन दी और उनकी निगरानी के लिए मसिाइलें तैनात की थी।
अमेरिका के नए निजाम का रुख भांप रहा है ड्रैगन
चीन की ताइवान में सैन्य सक्रियता ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने हाल ही में सत्ता ग्रहण की है। प्रो हर्ष पंत का मानना है कि संभव है कि चीनी सरकार बाइडन प्रशासन की रणनीति टटोलने में जुटा हो। वह यह देखने की कोशिश कर रह है कि बाइडन प्रशासन का ताइवान पर क्या रुख हो सकता है। बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान के साथ करीबी रिश्ता था। ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका ने चीन की ओर से भारी विरोध के बावजूद अपने अधिकारियों को ताइवान भेजा और हथियारों की ब्रिकी में भी वृद्धि हुई।
आखिर अमेरिका का क्या है रही प्रतिक्रिया
हालांकि, हाल में चीन के इस सैन्य कार्रवाई पर अमेरिका ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीनी विमानों के ताइवानी क्षेत्र में घुसने पर कहा कि अमेरिकी ताइवान के साथ अपने संबंधों में प्रगाढ़ता लाता रहेगा। प्राइस ने अपने बयान में आगे कहा है कि अमेरिका चीन की ओर से ताइवान समेत अपने पड़ोसियों का धमकाने के प्रयासों को बहुत चिंता से देख रहा है। उन्होंने चीन से आग्रह करते हुए कहा कि बीजिंग ताइवान पर सैन्य, राजनयिक दबाव डालना बंद करे। प्राइस ने आगे कहा कि ताइवान के लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ संवाद शुरू करें।