राज्य भर के प्रवासी मजदूरों द्वारा तैयार उत्पाद का बीएयू के किसान मेला में अलग से लगेगा स्टॉल
बीएयू में 20 से 22 फरवरी को तीन दिवसीय किसान मेला का आयोजन होगा। इस मेले में कोराना काल के दौरान घर लौटे प्रवासी मजदूरों के उत्पादों का अलग से स्टॉल लगाया जाएगा। इस पर विशेष फोकस होगा। ताकि अन्य मजदूर भी इस दिशा में आगे आ सकें।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेले में प्रवासियों द्वारा बनाए गए उत्पाद पर मुख्य फोकस होगा। प्रदेश के प्रवासियों के उत्पाद का अलग से स्टॉल लगेगा। ताकि विशेषज्ञ, अधिकारी, विज्ञानी, किसान, उपभोक्ता उनके उत्पाद को देख सकें। कृषि से जुड़े उनके उत्पाद की ब्रांडिंग , गुणवत्ता, पैकेजिंग आदि बेहतर तरीके से वह कैसे करेंगे। उनके छोटे उत्पाद को व्यवसाय में परिणत करने की बीएयू की मंशा है। सूबे के प्रवासियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले। किसान मेला प्लेटफार्म होगा। उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद का मेले में विशेष फोकस के साथ स्टॉल लगाया जाएगा तकि मेले में आने वाले अन्य मजदूर भी उनके हुनर और जज्बे को परख सके और खुद आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ सकें।
तीन दिवसीय किसान मेला
कृषि प्रसार शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ. आरएन सिंह कहते हैं कि बीएयू में 20 से 22 फरवरी को तीन दिवसीय मेला का आयोजन होगा। मेले में तकनीकि आधारित खेती के लिए युवाओं का सशक्तीकरण विषय रखा गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में विकसित नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन, किसानों के नए गुणसंवर्धित उत्पादों, बागवानी, पशु प्रदर्शनी, किसान गोष्ठी, प्रगितशील किसानों को सम्मान किया जाएगा।
स्मारिका में प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर युक्त संदेश का होगा प्रकाशन
किसान मेले में प्रकाशित होने वाली स्मारिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हस्ताक्षर युक्त संदेश प्रकाशित किया जाएगा। प्रधान मंत्री बीएयू में आए किसानों को संदेश देकर यह बताएंगे कि सरकार अन्नदाताओं के छोटी छोटी दिक्कतों का समाधान किस प्रकार कर रही है। बीएयू के किसान मेले में पहली बाद प्रधान मंत्री का संदेश प्रकाशित होगा।
क्या कहते हैं कुलपति
बीएयू के कुलपति डॉ आरके सोहाने ने कहा कि किसान मेला किसानों के सहयोग से किसानों के लिए आयोजित है। किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंच सके विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। मेले का फोकस प्रवासियों और युवाओं को कृषि में अवसर दिलाना होगा।