हुनर हाट में स्टालों पर तीन करोड़ की बिक्री, शिल्पकारों को मिले 70 लाख रुपये के ऑर्डर
कश्मीर से कन्याकुमारी तक ओडीओपी उत्पादों की धूम दिखी। खादी महोत्सव में 470 लाख रुपये की बिक्री जबकि वोकल फॉर लोकल थीम को बढ़ावा देने वाले स्टालों के जरिए तीन करोड़ से अधिक के उत्पादों की बिक्री।
अवध शिल्पग्राम में आयोजित हुनर हाट में विभिन्न स्टालों पर शिल्पकारों को 70 लाख रुपये के ऑर्डर मिले। कश्मीर से कन्याकुमारी तक ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) उत्पादों की धूम यहां देखने को मिली। 'वोकल फॉर लोकल' थीम को बढ़ावा देने वाले स्टालों के जरिए तीन करोड़ से अधिक के उत्पादों की बिक्री की गई। लखनऊ की चिकनकारी, भदोही के कालीन, वाराणसी का सिल्क, गोरखपुर का टेराकोटा, फीरोजाबाद का कांच, मुरादाबाद का पीतल, अमेठी का मूंज, बदायूं का जरी जरदोरी, कुशीनगर के केले से बने उत्पादों समेत सभी जिलों के कारीगरों ने अपने हुनर से दर्शकों का दिल जीत लिया। केंद्रीय मंत्री नकवी ने दावा किया कि हुनर हाट के जरिए स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन मिला है और निर्यात की संभावना भी बढ़ी है।
खादी महोत्सव में 470 लाख रुपये की बिक्री : अवध शिल्पग्राम में गत 27 जनवरी से सात फरवरी तक आयोजित खादी महोत्सव में 470 लाख रुपये के खादी व ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री हुई। सर्वाधिक खादी बिक्री के लिए तीन संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि स्वराज आश्रम कानपुर, श्रीगांधी आश्रम लखनऊ व ग्राम सेवा संस्थान फतेहपुर को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान मिला। स्वराज आश्रम ने 22.48 लाख, गांधी आश्रम ने 10.98 तथा ग्राम सेवा संस्थान फतेहपुर ने 6.48 लाख रुपये की बिक्री की। इसी क्रम में सीतापुर के शकील, हरिद्वार के दीपांशी ग्रामोद्योग संस्थान व आजमगढ़ के सोहित कुमार प्रजापित ने ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
दस्तकारों का कौशल देखने 29 लाख लोग पहुंचे हुनर हाट : राजधानी के अवध शिल्प ग्राम में बीती 22 जनवरी से शुरू हुई हुनर हाट को देखने के लिए 29 लाख लोग पहुंचे। रविवार को हुनर हाट के समापन के मौके पर यह जानकारी केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले छह वर्षों के दौरान देश के विभिन्न शहरों में आयोजित हुनर हाट के जरिये पांच लाख से अधिक दस्तकारों व कारीगरों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि हुनर हाट में जहां स्वदेशी, हस्तनिर्मित दुर्लभ उत्पाद उपलब्ध थे, वहीं यहां आने वाले लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक लजीज पकवानों का भी लुत्फ उठाया। लखनऊ में सजी हुनर हाट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 500 दस्तकार शमिल हुए। हुनर हाट में प्रतिदिन जाने-माने कलाकारों द्वारा आत्मनिर्भर भारत थीम पर पेश किए गए गीत-संगीत के कार्यक्रम दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे।
ई-प्लेटफार्म के जरिये देश-विदेश में धूम: नकवी ने कहा कि ई-प्लेटफार्म के जरिये हुनर हाट से देश-विदेश के लोग जुड़े। लोगों ने दस्तकारों व शिल्पकारों के स्वदेशी सामानों को सराहा और खरीदा। हुनर हाट जेम पोर्टल (गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस) पर भी उपलब्ध है।
अब मैसूर में आयोजन : नकवी ने बताया कि 25वीं हुनर हाट का आयोजन मैसूर में छह से 14 फरवरी तक किया जा रहा है। आने वाले दिनों में हुनर हाट नई दिल्ली में 20 फरवरी से एक मार्च, कोटा में 28 फरवरी से सात मार्च तक आयोजित की जाएगी। जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, रांची, अहमदाबाद व कोच्चि आदि शहरों पर भी इसका आयोजन होगा।