Rakesh Tikait ने केंद्र सरकार से पूछा- 'रातोंरात लोग कैसे लालकिला तक पहुंच गए'
राकेश टिकैत ने 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर सवाल किया कि दिल्ली में चार लाख ट्रैक्टरों में तीन लाख आदमी पहुंचे और किसी की साइकिल की हवा तक नहीं निकाली गई। यह अनुशासन नहीं तो क्या था?
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता व संयुक्त मोर्चा के सदस्य राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार आंदोलन को तोड़ना चाहती है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। न मोर्चा टूटेगा और न ही मंच बदलेगा। केंद्र सरकार के साथ बातचीत संयुक्त मोर्चा ही करेगा। गणतंत्र दिवस समारोह के बाद पहली बार बुधवार को कुंडली पहुंचने के बाद राकेश टिकैत मुख्य मंच से धरना को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राकेश टिकैत ने 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर सवाल किया कि दिल्ली में चार लाख ट्रैक्टरों में तीन लाख आदमी पहुंचे और किसी की साइकिल की हवा तक नहीं निकाली गई। यह अनुशासन नहीं तो क्या था? केंद्र सरकार बताए कि रातोंरात लोग कैसे लालकिला तक पहुंच गए। इसकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो तो सारी हकीकत सामने आ जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसी सूरत में रोटी को पूंजीपतियों की तिजोरी में कैद नहीं होने देंगे। इसके लिए वे हर संघर्ष को तैयार हैं। अबकी बार 40 लाख ट्रैक्टर आएंगे और दिल्ली को बता देंगे कि यह किसी एक इलाके का नहीं पूरे देश का आंदोलन है। उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा के सदस्य देशभर में घूम-घूम करआंदोलन खड़ा कर चुके हैं और अब इसे व्यापक रूप दिया जाएगा।
उन्होंने दोहराया कि तीन कृषि कानून रद हों, एमएसपी पर गारंटी कानून बने, पराली और बिजली बिल वापस हों और निर्दोष लोगों की रिहाई की जाए, इससे कम में वे मानने वाले नहीं हैं। उन्होंने आंदोलन में मदद और सहयोग के लिए हरियाणा की खाप पंचायतों का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के आंदोलन जीवियों की एक नई जमात पैदा होने के बयान की निंदा की और कहा कि आजादी भी इस देश को आंदोलन ने ही दिलाई थी।