Bank FD कराने वालों के लिए जरूरी खबर, फिक्सड डिपॉजिट का है प्लान तो जान लें वरना...

Bank FDs: अगर आप भी अपनी एफडी कराने जा रहे हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है. आज हम आपको एफडी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताएंगे.

Bank FD कराने वालों के लिए जरूरी खबर, फिक्सड डिपॉजिट का है प्लान तो जान लें वरना...

नई दिल्ली: बैंक एफडी (Bank FDs) आज के समय में सभी निवेशकों के लिए निवेश करने का एक बेहतरीन विकल्प है. कोरोनाकाल में सेफ इंवेस्टमेंट ऑप्शन की बात करें तो सबसे पहले बैंक एफडी (Fixed Deposit) का नाम आता है. अगर आप भी अपनी एफडी कराने जा रहे हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है. आज हम आपको एफडी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताएंगे. बता दें पीएसयू बैंक एफडी में सबसे कम ब्याज दर 5 फीसदी है. इसके बाद भी यह निवेशकों का सबसे पसंदीदा ऑप्शन बना हुआ है क्योंकि यह रिस्क-फ्री इंवेस्टमेंट (risk-free investment options) है.

बैंक एफडी के जरिए निवेशकों को ब्याज के साथ-साथ टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है. इस वजह से भी यह निवेश का अच्छा विकल्प माना जाता है. डीसीबी बैंक के रिटेल बैंकिंग के हेड प्रवीण कुट्टी के मुताबिक, फिक्स्ड डिपॉजिट बिना किसी मेडिकल चेक-अप के फ्री जीवन बीमा के साथ आते हैं, जिसमें कवर एफडी राशि के बराबर होता है.

एफडी में निवेश के ये हैं फायदे
>> फिक्सड डिपॉजिट को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है.
>> इसमें जमा किए गए मूल धन पर कोई जोखिम नहीं होता. साथ में आपको एक तय अवधि में रिटर्न भी मिल सकता है.
>> इसमें निवेश किया गया मूल धन इसलिए सुरक्षित रहता है क्योंकि एफडी पर बाजार में उतार-चढ़ाव का कोई सीधा असर नहीं पड़ता है.
>> इस स्कीम में निवेशक मासिक तौर पर ब्याज का लाभ ले सकते हैं.
>> आमतौर पर एफडी पर मिलने वाला ब्याज दर अधिक है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो यह सबसे अधिक रिटर्न देता है.
>> किसी भी एफडी में एक ही बार निवेश करना होता है. अगर निवेशक को इसके बाद अधिक डिपॉजिट करना है तो उन्हें अलग एफडी अकाउंट खोलना होगा.
>> एफडी की एक मेच्योरिटी अवधि होती है, आपको इतने साल के लिए पैसा जमा करना होगा. लेकिन इसफा फायदा यह भी है कि जरूरत पड़ने पर समय से पहले भी पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि मेच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने पर आपको ब्याज का नुकसान होता है, इस पर कुछ पेनल्टी भी देनी होती है. जो अलग अलग बैंकों में अलग अलग है.

एफडी पर क्या है टैक्स कटौती का नियम
फिक्सड डिपॉजिट पर 0 से 30 फीसदी तक टैक्स कटता है. यह निवेशक के इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर कटता है. अगर आप एक साल में 10,000 रुपये से अधिक कमाते हैं तो अपने ​एफ​डी पर आपको 10 फीसदी टैक्स देना होगा. हालांकि, इसके लिए आपको अपने पैन कार्ड का कॉपी जमा करना होगा. अगर पैन कार्ड नहीं जमा किया जाता है तो इस पर 20 फीसदी टीडीएस कट किया जाता है.

अगर निवेशक टैक्स कटौती से बचना चाहता है तो इसके लिए उन्हें अपने बैंक को फॉर्म 15A सबमिट करना चाहिए. यह उन लोगों के लिए लागू होता है जो किसी इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आता है. टैक्स ​कटौती से बचने के लिए वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15H जमा करना चाहिए.