कोरोना महामारी के चलते लोग हो रहे हैं मानसिक परेशानियों के सबसे ज्यादा शिकार
कोरोना महामारी का सीधा असर तनाव और मानसिक परेशानी के तौर पर सामने आ रहा है। जानकार कहते हैं कि अगर यह संकट और लंबा चला तो इसके बहुत घातक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। तो तनाव को पहचानें और समय रहते इसका इलाज कराएं।
कोरोना महामारी ने दुनियाभर के लोगों को प्रभावित किया है। दिनचर्या से लेकर ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। जिसकी वजह से लोगों में चिंता, तनाव व घबराहट का माहौल देखने को मिल रहा है। बिगड़ती अर्थव्यवस्था के चलते कई लोगों की नौकरियां चली गई, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग बिना पैसों या आधे पैसों में काम करने को मजबूर हैं। पिछले साल से लेकर अब तक ऐसी कई रिपोर्ट भी ये बात सामने आ चुकी है कोविड-19 ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। इसका सीधा असर पारिवारिक तनाव और मानसिक परेशानी के तौर पर सामने आ रहा है. जानकार कहते हैं कि अगर यह संकट और लंबा खिंचा तो परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं.
क्या है तनाव
असामान्य और मुश्किल परिस्थितयों के प्रति हमारा दिमाग और शरीर जो प्रतिक्रिया करता है, वह तनाव कहलाता है। आमतौर पर इसके लक्षण निराशा, बेचैनी, गुस्से और घबराहट के रूप में सामने आते हैं। इसके अलावा खाने-पीने, उठने-बैठने, सोने के ढंग में बदलाव, सिर और पेट दर्द, अपच, अरुचि आदि भी इसके प्रमुख लक्षण हैं।
प्रमुख कारण
- नौकरी छूटना
- किसी प्रिय व्यक्ति से बिछड़ना
- कंफर्ट जोन से मजबूरन बाहर आना
- किसी आशंका का डर
- कोई बड़ा आर्थिक-सामाजिक नुकसान
- खराब सेहत और सौंदर्य
- क्षमताओं से ज्यादा जिम्मेदारियों का निर्वहन
तनाव के प्रभाव
तनाव व्यक्ति के शारीरिक-मानसिक सेहत पर गहरा असर डालता है। बहुत ज्यादा तनाव रहने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। कई बार जी मिचलाना, उल्टी आना, नींद न आना, माइग्रेन और स्किन एलर्जी जैसी समस्या भी सामने आने लगती है। अगर सही। समय पर तनाव नियंत्रित न हो तो हृदय रोग और ब्लड। प्रेशर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। डिमेंशिया और अल्जाइमर्स जैसी गंभीर बीमारी के लक्षण भी उभर सकते हैं। तनाव की स्थिति में अगर बार-बार चॉकलेट, पेस्ट्री और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स लेने की आदत पड़ जाए तो वज़न बढ़ने का खतरा भी रहता है।