गुमनामी: 80 के दशक में हर डायरेक्टर की पहली पसंद था ये एक्टर, परिवार ने छोड़ा तो रहा पागलखाने में, अब गुमनाम
फिल्मी दुनिया की चकाचौंध ऐसी है कि यहां जो सितारा चमकता रहता है, लोग उसे ही देखते रहते हैं। लेकिन उन सितारों को एकदम भुला दिया जाता है, जिन्होंने इंडस्ट्री से दूरी बना ली हो। आज हम जिस एक्टर की बात करने जा रहे हैं। उनके बारे में आज किसी को कुछ नहीं पता। वो जिंदा भी या नहीं ये भी किसी को नहीं मालूम। ये अभिनेता थे राज किरण। 90 के दशक में राज किरण ने कई फिल्मों में काम किया। दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले इस अभिनेता को फिल्म इंडस्ट्री और लोगों ने इस कदर भुला दिया कि आज उनका कुछ अता-पता ही नहीं है। कोई कहता है वो पागलखाने में थे। तो किसी ने उन्हें टैक्सी चलाते हुए देखा था। हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है ये पता नहीं। आज हम आपको राज किरण के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
कौन थे राज किरण?
राज किरण का जन्म 19 जून, 1949 को मुंबई में हुआ था। 26 साल की उम्र में राज ने अपना एक्टिंग डेब्यू बी.आर. इशारा की फिल्म ‘कागज की नांव’ से किया। इस फिल्म में राज के साथ अभिनेत्री सारिका भी नजर आई थीं। पहली ही फिल्म से राज ने दर्शकों को अपने अभिनय का कायल बना दिया। इसके बाद उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई थी।
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साल 1980 में राज किरण की ‘कर्ज़’ समेत कुल 8 फिल्में रिलीज हुईं। राज किरण लगातार एक के बाद फिल्में किए जा रहे थे और कब उन्होंने फिल्मों में सेंचुरी मार ली, उन्हें भी पता नहीं चला। 'अर्थ', 'कर्ज', 'घर हो तो ऐसा', 'तेरी मेहरनबानियां', 'बसेरा', 'बुलंदी' जैसी फिल्मों में काम किया। बॉलीवुड की बेहद चर्चित फिल्म 'अर्थ' का ये गाना 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो' जाने कितने लोगों ने गुनगुनाया होगा लेकिन अस्सी के दशक तक पर्दे पर छाया रहा राज किरण गुमनामी के अंधेरों में कब खो गया ये किसी को पता तक नहीं चला।
फिल्म 'कर्ज' में राज किरण के साथ काम कर चुके ऋषि कपूर जब साल 2011 में राज किरण के भाई गोविंद मेहतानी से मिले तो पता चला कि राज पिछले दस साल से अमेरिका के अटलांटा में एक पागलखाने में भर्ती है। उन्होंने बताया कि राज किरण को छोड़कर उनकी पत्नी और बेटी चली गई थी, तब से वे अवसाद में चले गए थे और अपना मानसिक संतुलन खो बैठे।
वहीं एक्ट्रेस दीप्ति नवल ने उन्हें अमेरिका में टैक्सी चलाते हुए देखा। इससे उलट राजकिरण की पत्नी रूपा और बेटी ऋषिका ने कहा था कि ऋषि के दावे में सच्चाई नहीं है। ऋषिका के मुताबिक उनके पिता नौ साल से गुमशुदा हैं। उनकी तलाश पुलिस और प्राइवेट डिटेक्टिव कर रहे हैं। राज किरण को साल 1994 में टीवी पर आखिरी बार शेखर सुमन के सीरियल रिपोर्टर में देखा गया था। अब राज किरण इस दुनिया में हैं भी या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं है।