इन जगहों पर भूलकर भी न हंसे, व्यक्ति बनता है सहस्त्रों पाप का भागीदार

इन जगहों पर भूलकर भी न हंसे, व्यक्ति बनता है सहस्त्रों पाप का भागीदार

हसंना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है ये तो सभी जानते हैं। हंसने से व्यक्ति को तनाव से छुटकारा मिलता है, इसके अलावा भी हंसना कई तरह से फायदेमंद रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ स्थान हैं जहां पर भूलकर भी नहीं हंसना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इन स्थानों पर हंसता है तो वह व्यक्ति पाप का भागीदार बनता है। तो चलिए जानते हैं कि वे कौन से स्थान है जहां पर हंसी ठिठोली नहीं करनी चाहिए।
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

श्मशान में भूलकर भी नहीं हंसना चाहिए
किसी व्यक्ति के दाह संस्कार में श्मशान के अंदर या फिर शव यात्रा में भूलकर भी नहीं हंसना चाहिए। इससे मृत व्यक्ति का अपमान होता है। जो व्यक्ति श्मशान या शवयात्रा में हंसता है वह सौ पापों के बराबर पाप का भागीदार बनता है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

किसी शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर
यदि किसी शोकाकुल परिवार के यहां जाएं तो इधर-उधर की बातें करने से बचना चाहिए, साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि आपका आचरण शिष्ट हो ऐसे जगहों पर हमें हंसी-ठिठोली से बचना चाहिए। जो लोग किसी शोकाकुल परिवार में जानें पर हंसी ठिठोली करते हैं, वे शोकाकुल परिवार की भावनाओं का अपमान करते हैं। जिससे उन्हें पाप का भागीदार बनना पड़ता है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

मंदिर में भूलकर भी नहीं करना चाहिए हंसी-ठिठोली
मंदिर एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर व्यक्ति आध्यात्मिक शांति का अनुभव करता है। मंदिर ईश्वर से वंदना करने और ध्यान लगाने का स्थान होता है। इसलिए किसी भी धर्म स्थान पर जाकर कभी भी हंसी-ठिठोली नहीं करना चाहिए। इससे न केवल आप स्वयं ईश्वर से जुड़ाव नहीं कर पाते है बल्कि दूसरों के ध्यान में भी बाधा उत्पन्न होती है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

सत्संग या कथा में जाने पर न करें हंसी ठिठोली
यदि कहीं पर कथा या फिर सत्संग आदि हो रहा हो तो वहां पर इधर-उधर की बातें और हंसी-ठिठोली नहीं करनी चाहिए। ऐसे में आप स्वयं का नुकसान तो करते ही हैं साथ ही पास में बैठे लोगों को भी दिक्कत होती है। सत्संग और कथा में जानें पर गुरूवाणी को ध्यान से सुनना चाहिए, अन्यथा आप ज्ञान से वंचित रह जाते हैं।