पेंशन आय वाले 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन को नहीं देना होगा टैक्स

पुराने/ मौजूदा आयकर स्लैब में सेक्शन 80 सी के तहत निर्दिष्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है।

पेंशन आय वाले 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन को नहीं देना होगा टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021 में टैक्स से जुड़ी कई सारी घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने बजट में कहा कि अब पेंशन आय कमाने वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किफायती आवास के लिए ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट को एक साल के लिए और बढ़ाया गया है।

    • आजादी के 75 वें साल में देश नई ऊर्जा के साथ काम कर रहा है। हम अब 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजंस पर और ज्यादा भार नहीं लादना चाहते। अब पेंशन आय वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। बैंक आयकर में से रिडेक्शन का काम कर लेगा।
    • टैक्स ऑडिट की सीमा को 5 करोड़ से बड़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
    • जहां इनकम में गड़बड़ी 50 लाख से अधिक की मिलती है, तब ही 10 साल पुराने असेसमेंट ओपन होंगे।
    • टैक्सपेयर के लिए हम रिफॉर्म्स की घोषणा करते हैं। इस साल करदाताओं की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
    • स्टार्ट अप में कैपिटल गैन में रिलीफ एक साल के लिए और बढ़ाई जाती है।
    • छोटे टैक्सपेयर तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
    • एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे टैक्स चोरी करने वालों की पहचान कर सकें।
    • पिछले महीनों में जीएसटी के तहत रिकॉर्ड राजस्व आया है। 
  • पिछले साल कस्टम ड्यूटी के स्ट्रक्चर में बदलाव करने की शुरुआत की थी। हमने आउटडेटेड 80 नियमों को हटा दिया था। 400 और पुरानी छूटों का अध्ययन करने का प्रस्ताव रखा गया है। 
  • एक अक्टूबर 2021 से संशोधिक कस्टम ड्यूटी रीस्ट्रक्चर लाया जाएगा।
  • डिस्प्यूट रेजोल्यूशन कमेटी का गठन होगा। विवादों को खत्म करने के लिए कमेटी के गठन का प्रस्ताव है। भारत सरकार ने करदाता को विवाद खत्म करने का मौका दिया था। एक लाख से ज्यादा लोगों ने इसका फायदा उठाया है।
  • विवाद निपटान में फेसलेस प्रक्रिया अपनायी जाएगी। टेक्सेबल इनकम 50 लाख है और डिस्पोजेबल इनकम 10 लाख है, वो इस कमेटी के समक्ष आ सकेगा।
  • वित्त मंत्री एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों के लिए कर छूट का प्रस्ताव लेकर आयी हैं।
  • प्रवासी श्रमिकों को अधिसूचित किफायती आवास के लिए टैक्स छूट।
  • किफायती आवास के लिए ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट को एक साल के लिए और बढ़ाया गया है।

वित्त मंत्रालय ने पिछले बजट में सैलरी क्लास के लिए आयकर के दो विकल्प दिये थे। ये विकल्प वित्त वर्ष 2020-21 से प्रभावी हैं। करदाता अपना आयकर रिटर्न भरते समय इन दोनों मे से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं। इन दो विकल्पों में से एक विकल्प पुराना/मौजूदा टैक्स स्लैब है और दूसरा विकल्प है नया टैक्स स्लैब, जो बजट 2020 में लाया गया।

पिछले बजट में लाए गए नए टैक्स स्लैब में दरों के अलावा बड़ा फर्क यह है कि इसमें विभिन्न तरह की छूटों को खत्म कर दिया गया है, जबकि पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब में विभिन्न तरह की टैक्स छूट का लाभ मिल रहा है। साथ ही सभी मामलों में आयकर देनदारी के साथ 4 फीसद हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगता है। आइए इन दोनों टैक्स स्लैब के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बजट 2020 में लाया गया नया टैक्स स्लैब

आम बजट 2020 में लाए गए टैक्स स्लैब में दरें तो कम हैं, लेकिन इसमें सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली व अन्य दूसरी कर छूटों को समाप्त कर दिया गया है। पिछले बजट में लाए गए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। साथ ही यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है।

तीन लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर भी पिछले वर्ग की तरह ही 5 फीसद की दर से टैक्स है और यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है। इस तरह इस टैक्स स्लैब में पांच लाख रुपये तक की आय तक 87ए के तहत कर छूट मिलने से कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।

इससे आगे 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 फीसद की दर से टैक्स है। 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 फीसद की दर से टैक्स है। 10 से 12.50 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। 12.5 लाख से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसद की दर से टैक्स है। इसके बाद 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है।

पिछले बजट में लाया गए टैक्स स्लैब में आयकर दरें 60 साल की आयु तक के लोगों, 60 साल से 80 साल की आयु तक के सीनियर सिटीजंस और 80 साल की आयु से अधिक के सुपर सीनियर सिटीजंस के लिए एक समान है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें (60 साल से कम के आयु वर्ग के लिए)

यहां भी 2.5 लाख रुपये की आय पर कोई कर देय नहीं है। 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है। इस आयु वर्ग के टैक्स स्लैब में 2.5 से 5 लाख रुपये की आय पर 87ए के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें (60 से 80 वर्ष आयु वर्ग के लिए)

यहां 3 लाख तक की आय पर कोई कर देय नहीं है। 3 से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। दस लाख से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है। इस आयु वर्ग में 3 से 5 लाख तक की आय पर 87ए के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें ( 80 वर्ष से अधिक के आयु वर्ग के लिए)

यहां 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। पांच से 10 लाख तक की आय पर 20 फीसद टैक्स है। दस लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद टैक्स है।

पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में सेक्शन 80 सी के तहत निर्दिष्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इस तरह कर छूट मिलने से पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में भी पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स देनदार नहीं बनेगी।