क्या लालू फिर से जाएंगे जेल, झारखंड हाई कोर्ट में अहम सुनवाई आज; परिवार बेचैन
रांची: चारा घोटाला के चार मामलों में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से जेल मैनुअल उल्लंघन के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में अब से थोड़ी देर बाद सुनवाई होगी। यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में गुरुवार काे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि लालू प्रसाद यादव को किसके आदेश से रिम्स, रांची के पेईंग वार्ड से निदेशक बंगला और वहां से फिर पेइंग वार्ड लाया गया।
दरअसल रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेल अधीक्षक ने सीलबंद रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी, जिसमें कहा था कि जेल के बाहर के बाहर कैदियों की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। इस पर अदालत ने सरकारी अधिवक्ता से कई सवाल पूछे लेकिन वह स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दे पाए और उन्होंने इसके लिए समय की मांग की। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में 8 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। अदालत ने लालू यादव को मिले सेवादार की नियुक्ति की प्रक्रिया के बारे में भी सरकार से जवाब मांगा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अभी अपनी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए रिम्स में भर्ती हैं। हाई कोर्ट ने सरकार से लालू प्रसाद के रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक बंगला और बंगले से वार्ड में शिफ्ट होने पर विस्तृत जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने पूछा था कि किसके आदेश और किसके निर्णय से ऐसा किया गया था। यह निर्णय जेल प्रशासन ने नहीं लिया था तो आखिर यह निर्णय किसने और किसके कहने पर लिया।
इस पर भी सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले में संतोषजनक जवाब देने के लिए और समय मांगा जिस पर न्यायालय ने नाराजगी जताई थी। अदालत ने अंतिम अवसर प्रदान करते हुए मामले में सुनवाई आठ जनवरी के लिए स्थगित कर दी थी और कहा था कि राज्य सरकार अगली तारीख पर पूरी तैयारी के साथ पेश हो।
इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान जेल अधीक्षक की ओर से बताया गया था कि जेल के बाहर कैदियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। इधर, सीबीआइ ने लालू प्रसाद की तबीयत ठीक होने का हवाला देते हुए उन्हें रिम्स के बजाय जेल भेजे जाने का आग्रह कोर्ट से किया है।