कोरोना टीकाकरण के ड्राई रन में खुली सरकारी इंतजाम की पोल: अखिलेश
सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना का टीका लगाने के नकली अभ्यास (ड्राई रन) में भाजपा सरकार के इंतजामों की पोल खुल गई है। जिस वैक्सीन को लगाने से पहले ठंडेे बस्ते में एक जगह से दूसरी जगह जल्द से जल्द पहुंचाना होता है। इसमें जानलेवा लापरवाही सरकार के कामकाज पर बड़ा प्रश्न चिह्न है। एक मामला सामने आ गया। बड़े पैमाने पर होने वाले अभ्यास में कहां, क्या हो रहा है, इसकी जानकारी जरूर छिपाई गई होगी।
अखिलेश ने कहा, सवाल यह है कि सरकार ने बड़ी संख्या में ड्राई रन सेंटर तो बना दिए? वहां स्टाफ की तैनाती भी कर दी लेकिन सरकार यह नहीं बता रही है कि इस सबके लिए बजट कहां है ? वैक्सीन की कोल्ड चैन की सुरक्षा के लिए इंतजाम में गाड़ियों की उपलब्धता की क्या स्थिति है ? सरकार ने ड्राई रन में स्टाफ को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग दी है पर यह नहीं पता चला है कि उन्हें किसने ट्रेंड किया है। आधी-अधूरी तैयारी के साथ बिना विशेषज्ञ ट्रेनिंग दिए जाने का क्या औचित्य है ?
विशेषज्ञों के सवालों पर नहीं आया जवाब
सपा अध्यक्ष ने कहा, कुछ डाक्टरों व विशेषज्ञों ने वैक्सीन के परीक्षण व साइड इफेक्ट के बारे में जो सलास उठा हैं, उस पर सरकार का कोई जवाब नहीं आया है। भारत कोविड-19 से बचाव का टीका साल भर में बना लेना चिकित्सा विज्ञान का अभूतपूर्व कदम है। इस टीके का तीसरा और पूर्ण परीक्षण अभी नहीं हुआ है। टीका बनने के बाद उसके अंतिम रूप से सफल एवं सुरक्षित घोषित होने में कई साल लग जाते है। इससे कई चिंताएं, आशंकाएं उभरती है। भाजपा अपने बचाव में वैज्ञानिकों के अपमान की बात कहकर वास्तविकता को झुठलाने की कोशिश कर रही है। इससे भ्रामक सूचनाएं फैलने की आशंका है। भाजपा के नेता सरकार के मंत्री और सरकारी अधिकारी वैक्सीन को प्रमाणित कर रहे है जबकि यह प्रमाणीकरण वैज्ञानिकों व वैक्सीन उत्पादक संस्थान को करना है।