77 साल के हुए शिबू सोरेन, CM हेमंत सोरेन ने किया 3 पुस्तकों का लोकार्पण

दिशोम गुरु शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं। वे आज अपना 77वां जन्‍मदिन मना रहे हैं। उनके जीवन संघर्ष पर लिखी गई 3 पुस्‍तकों का आज उनके बेटे मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोकार्पण किया।

77 साल के हुए शिबू सोरेन, CM हेमंत सोरेन ने किया 3 पुस्तकों का लोकार्पण

झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख दिशोम गुरु शिबू सोरेन आज अपना 77वां जन्‍मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर उनके पुत्र और झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेने ने शिबू सोरेन पर लिखी तीन पुस्‍तकों का लोकार्पण किया। इधर, झारखंड के नेताओं ने उनके दीर्घायु जीवन और स्‍वस्‍थ रहने की कामना की है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने टि्वटर पर अपने सं‍देश में लिखा- झारखंड आंदोलन के मजबूत स्‍तंभ शिबू सोरेन जी को जन्‍मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को झामुमो अध्यक्ष व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के जीवन संघर्ष से जुड़ी तीन किताबों का लोकार्पण किया। कार्यक्रम मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में हुआ। इस अवसर पर शिबू सोरेन खुद भी मौजूद रहे। समारोह में जिन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया, वे हैं - दिशोम गुरु : शिबू सोरेन (हिंदी), ट्राइबल हीरो : शिबू सोरेन (अंग्रेजी) और सुनो बच्चो, आदिवासी संघर्ष के नायक शिबू सोरेन (गुरुजी) की गाथा। पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने इन तीनों पुस्तकों को लिखा है, जिसका प्रकाशन नई दिल्ली की संस्था प्रभात प्रकाशन ने किया है।

इस माैके पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में क्षमता की नहीं है। कमी चेतना की है। यह राज्य लंबे संघर्ष की उपज है। कहा कि झारखंड में निवास करने वाले लोगों ने संघर्ष किया है। संघर्ष के प्रारंभिक दिनों में शिक्षा का अभाव था। यही वजह रही कि कई लोगों की गाथा सहेज कर नहीं रखी गई। लेकिन समाज में कई ऐसे लोग भी रहे, जिन्होंने इस संघर्ष को करीब से देखा, समझा और उसे संजोकर रखने का प्रयास किया। कुछ लोग अपने संघर्ष की ऐसी छाप लोगों के दिलों में छोड़ते हैं कि उन्हें कागजों में उतारना गौरव की बात होती है।

शिबू सोरेन ने कहा कि अलग राज्य के लिए हमने आंदोलन किया। आज हम अलग झारखंड राज्य में हैं। कहा कि पुस्‍तक में महाजनी आंदोलन के संबंध में लिखा गया है। इस प्रथा का अंत भी हुआ। झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन किया। आज हम सब अलग झारखंड राज्य में हैं। लेकिन अभी तक आदिवासी किसान, मजदूर कमोबेश लाभान्वित नहीं हो सके हैं। इस मौके पर मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री बादल, मंत्री सत्यानंद भोक्ता,  विधायक मथुरा महतो, विधायक बसंत सोरेन, विधायक मंगल कालिंदी, विधायक इरफान अंसारी, पुस्तक के रचयिता अनुज कुमार सिन्हा, डॉ. पीयूष कुमार व अन्य उपस्थित थे।