CBIC-आयातकों को सिर्फ एक फार्म भरने पर मिल जाएगी कस्टम्स क्लियरेंस, आयात को गति देने के लिए CBIC ने उठाए कदम

आक्सीजन और कोरोना से संबंधित दवाओं के आयात को गति देने के लिए सरकार किसी मोर्चे पर कोताही नहीं बरतना चाह रही है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने ऐसी वस्तुओं के आयातकों के लिए एक पन्ने का आनलाइन फार्म उपलब्ध कराया है। कस्टम्स क्लियरेंस में किसी तरह की देरी की स्थिति में उन्हें इस फार्म में आयातित वस्तु और उसके उपयोग की जानकारी देनी होगी। सीबीआइसी कस्टम्स ड्यूटी एवं क्लियरेंस की जिम्मेदारी संभालने वाली सर्वोच्च इकाई है।

CBIC-आयातकों को सिर्फ एक फार्म भरने पर मिल जाएगी कस्टम्स क्लियरेंस, आयात को गति देने के लिए CBIC ने उठाए कदम

आक्सीजन और कोरोना से संबंधित दवाओं के आयात को गति देने के लिए सरकार किसी मोर्चे पर कोताही नहीं बरतना चाह रही है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने ऐसी वस्तुओं के आयातकों के लिए एक पन्ने का आनलाइन फार्म उपलब्ध कराया है। कस्टम्स क्लियरेंस में किसी तरह की देरी की स्थिति में उन्हें इस फार्म में आयातित वस्तु और उसके उपयोग की जानकारी देनी होगी। सीबीआइसी कस्टम्स ड्यूटी एवं क्लियरेंस की जिम्मेदारी संभालने वाली सर्वोच्च इकाई है।

आयातकों से एक लिंक साझा करते हुए सीबीआइसी ने ट्वीट किया, 'आयातक ध्यान दें, कोरोना से संबंधित उपकरणों एवं मेडिकल से जुड़ी वस्तुओं के आयात में किसी भी तरह की मुश्किल आए तो लिंक पर जाकर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं, क्लियरेंस की प्रक्रिया तेज की जाएगी।'

जल्द क्लियरेंस के लिए आयातकों को पहले से जानकारी देनी होगी। उन्हें फार्म में बिल नंबर, हवाई अड्डे या बंदरगाह की जानकारी, वस्तु का विवरण और उसका इस्तेमाल बताना होगा। सीबीआइसी ने कारोबारियों की मदद के लिए नोडल अधिकारियों के नाम और नंबर भी सार्वजनिक किए हैं, साथ ही सभी कस्टम्स जोन के अधिकारियों को कहा गया है कि ऐसी वस्तुओं की क्लियरेंस न्यूनतम संभव समय में की जाए।

Importers will Get Customs Clearance only by Filling a Form, CBIC Takes  Steps to Speed up Imports

दिल्ली कस्टम्स (एयर कार्गो कांप्लेक्स इंपोर्ट कमिश्नरेट) ने भी एक सार्वजनिक सूचना में अपने नोडल अधिकारियों को दवाओं व अन्य जरूरी वस्तुओं की क्यिलरेंस को गति देने के लिए कहा है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने एक दिन पहले ही कोरोना वैक्सीन, मेडिकल ग्रेड आक्सीजन और संबंधित उपकरणों पर आयात शुल्क हटाने का एलान किया है। साथ ही कस्टम्स अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जीवन रक्षक दवाओं और आक्सीजन से संबंधित उपकरणों के आयात कंसाइनमेंट की क्लियरेंस को प्राथमिकता दें।

एक समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्व विभाग को भी ऐसी वस्तुओं का निर्बाध आयात सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। जिन वस्तुओं पर शुल्क हटाने का एलान किया गया है, उन पर पांच से 15 फीसद तक का आयात शुल्क और पांच फीसद का हेल्थ सेस लग रहा था। वैक्सीन पर 10 फीसद शुल्क था, जिसे अभी हटा दिया गया है।

शुरू हुआ डीपीआइआइटी का कंट्रोल रूम

उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) ने महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं के कारोबार, डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। एक अधिकारी ने बताया कि कंट्रोल रूम ने शनिवार को काम करना शुरू किया और दिन 12 शिकायतें सुनीं। इनका निराकरण किया जा रहा है। पहले दिन महाराष्ट्र से छह, मध्य प्रदेश से तीन, दिल्ली से दो और कर्नाटक से एक शिकायत मिली। अधिकारी ने बताया कि शिकायतों को संबंधित राज्य सरकारों तक पहुंचा दिया गया है और उनका निराकरण किया जा रहा है। ज्यादातर शिकायतें लॉजिस्टिक्स और एक से दूसरे राज्य में परिवहन की अनुमति से जुड़ी थीं।

राज्यों की पाबंदियों से निर्यात पर असर

इस बीच, इंजीनियरिंग निर्यातकों के संगठन ईईपीसी ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगी पाबंदियों से निर्यात प्रभावित हो सकता है। सर्वाधिक दुष्प्रभाव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर देखने को मिलेगा।

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में आए सुधार ने उम्मीद की किरण दिखाई है। वैश्विक स्तर पर मांग निकलने और आर्थिक गतिविधियों में सुधार के दम पर मार्च, 2021 में 33 इंजीनियरिंग गुड्स में से 32 के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई। इनमें आयरन एवं स्टील, नॉन फेरस मेटल प्रोडक्ट, इंडस्टि्रयल मशीनरी एवं आफिस इक्विपमेंट आदि शामिल हैं।

इससे सालभर से महामारी के कारण दबाव में चल रहे निर्यातकों को राहत मिली है। मार्च में अमेरिका इन वस्तुओं का सबसे बड़ा आयातक रहा है। मार्च, 2021 में अमेरिका ने 115.28 करोड़ डॉलर का आयात किया, जो सालभर पहले 91.70 करोड़ डॉलर था।

काउंसिल ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर ने राहत की सांस ले रहे निर्यातकों के समक्ष फिर खतरा पैदा कर दिया है। संक्रमण को थामने के लिए कई राज्य अपने स्तर पर पाबंदियां लगा रहे हैं, जिससे निर्यात प्रभावित होगा। छोटे उद्यमों पर सबसे बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में महामारी के खतरे को कम करने के लिए सरकार को टीकाकरण की गति बढ़ाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।