स्कूलों पर सरकार की कड़ी निगरानी, ताबड़तोड़ चेकिंग; आप भी जानें ये बड़ी वजह
राज्य सरकार स्कूलों पर निगरानी बढ़ाएगी। इसके लिए ताबड़तोड़ निरीक्षण की तैयारी की गई है। शिक्षा विभाग के अफसरों को हर हफ्ते कम से कम 20 स्कूलों की चेकिंग करने का टास्क दिया गया है।
राज्य सरकार स्कूली शिक्षा को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए उनपर अपनी निगरानी बढ़ाएगी। इसके लिए स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसके लिए प्रमंडल, जिला, प्रखंड तथा क्षेत्र स्तर के शिक्षा पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके द्वारा प्रत्येक माह स्कूलों के किए जाने वाले निरीक्षण की संख्या तय कर दी है। शिक्षा सचिव राहुल शर्मा द्वारा इसे लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि पदाधिकारी निरीक्षण के क्रम में स्कूलों में कम से कम एक क्लास भी लेंगे, जो 40 मिनट का होगा।
जारी आदेश के तहत क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अपने अधीनस्थ जिलों में प्रत्येक माह दस कार्य दिवसों में कम से कम 20 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। साथ ही, माह में कम से कम एक बार पुस्तकालयों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालयों का भी निरीक्षण करेंगे। इसी तरह, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) तथा जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) सात कार्य दिवसों में कम से कम 20 स्कूलों तथा माह मे कम से कम एक बार अपने अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे।
इसी तरह, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी माह में कम से कम 20 स्कूलों तथा एक बीआरसी तथा सीआरसी का निरीक्षण करेंगे। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) 15 कार्य दिवसों में अपने प्रखंड के 30 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। विभाग ने बकायदा निरीक्षण का नया फॉरमेट दिया है, जिसमें स्कूल से संबंधित पूरा ब्योरा के अलावा उपलब्ध राशि, योजनाओं की स्थिति आदि की जानकारी देनी है। सभी रिपोर्ट निर्धारित माध्यमों से होते हुए विभाग को भेजी जाएगी।
बेहतर करने वाले को मिलेगा प्रशस्ति पत्र
अधिकारी निरीक्षण के क्रम में यह भी देखेंगे कि शिक्षा विभाग द्वारा तैयार पाठ्यचर्या (सिलेबस) के तहत बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं। वैसे शिक्षक या कर्मी जिनके कारण बच्चों की शिक्षा में काफी सुधार हुआ है, उनका भी जिक्र रिपोर्ट में करने को कहा गया है। विभाग द्वारा ऐसे शिक्षकों एवं कर्मियों को प्रशस्तिपत्र दिए जाएंगे। विभाग ने पिछले माह जून से अबतक किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही, पिछले तीन वर्षों की वार्षिक परीक्षा के परिणाम की भी जानकारी मांगी गई है।
अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों व कर्मियों की भी मांगी जानकारी
निरीक्षण में यह भी देखा जाएगा कि कौन शिक्षक या कर्मी कब अनुपस्थित रहे हैं। रिपोर्ट में इसकी भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही, विद्यालय में उपलब्ध जमीन, लैब, लाइब्रेरी आदि का भी ब्योरा देने को कहा गया है।