इरफान खान की इन बेहतरीन फिल्मों को अगर अब तक नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा

एंटरटेनमेंट डेस्क

इरफान खान की इन बेहतरीन फिल्मों को अगर अब तक नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा

इरफान खान

'शराफत की दुनिया का किस्सा ही खतम, अब जैसी दुनिया वैसे हम' और 'बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में।' ये डायलॉग आपको अच्छे से याद होंगे। दमदार आवाज और आंखों से अभिनय करने वाले दिवंगत अभिनेता इरफान खान आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी यादें, बातें और फिल्में आज भी हमारे जेहन में मौजूद है। इरफान खान अपने पीछे फिल्मों का ऐसा खजाना छोड़ कर गए हैं कि वो हमेशा ही याद किए जाएंगे। फिल्में अच्छी या बुरी हो सकती है लेकिन इरफान खान के अभिनय पर कभी भी उंगली नहीं उठाई जा सकती। इरफान खान हमेशा अपनी फिल्मों में दिल से अभिनय करते थे और उनके अभिनय की दीवानी पूरी दुनिया थी। सिर्फ देश में ही इरफान खान की एक्टिंग का डंका विदेशों में भी बजा है। उन्होंने कुछ हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया था। आज हम आपको इरफान खान की कुछ बेहतरीन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें अगर आपने अब तक नहीं देखा है, तो आपने कुछ भी नहीं देखा है। इरफान खान की इन फिल्मों को बार-बार देखा जा सकता है और आप बोर भी नहीं होंगे।

मकबूल

विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित साल 2003 में आई फिल्म 'मकबूल' ने इरफान खान को वो पहचान दिलाई थी, जिसके वे सही मायनों में हकदार थे। नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, पंकज कपूर और तब्बू जैसे बेहतरीन कलाकारों से सजी इस फिल्म में इरफान ने इतना शानदार अभिनय किया कि इसके बाद उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई थी। फिल्म की कहानी में में वो एक खतरनाक डॉन के लिए काम करते हैं और उसी की बीवी से इश्क भी कर बैठते हैं। इस फिल्म में इरफान ने एक ही किरदार को कई तरीके से पेश किया, जैसे कि वो अपराधी भी हैं, डॉन से डरते भी हैं, इश्क भी करते हैं और जिसके इरादे खतरनाक भी हैं। 
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पान सिंह तोमर

निर्देशक तिग्मांशु धुलिया की फिल्म 'पान सिंह तोमर' में वे इरफान खान ने ऐसे धावक की भूमिका निभाई थी, जो कई स्पर्धाएं जीतता है। लेकिन जिंदगी के अनुभव उसके इतने कटु रहते हैं कि वह डाकू बन जाता है। एक धावक की भूमिका को इरफान ने इतने अच्छे तरीके से निभाया था कि अभिनय के विद्यार्थियों को यह फिल्म बार-बार देखना चाहिए। वास्तव में डाकू कैसे होते हैं, कैसा उनका रहन-सहन होता है, उनका जीवन कितना मुश्किलों में होता है, इस फिल्म में सब कुछ बारीकी से दिखाया गया है। 

द लंच बॉक्स

जब भी इरफान खान की बेहतरीन फिल्मों की सूची बनेगी तो इस फिल्म का जिक्र जरूर होगा। फिल्म 'लंच बॉक्स' जिसमें इरफान खान के पास संवाद के लिए कुछ भी नहीं था लेकिन उन्होंने अपने आंखों के दम पर ही बेहतरीन अभिनय किया था। इरफान अपनी संवाद अदायगी से अपने अभिनय को प्रभावी बनाते हैं, लेकिन इस फिल्म के जरिये उन्होंने दिखाया कि बिना संवादों के भी वे अभिनय करना वे बखूबी जानते हैं। 

डी डे

निर्देशक निखिल आडवाणी की फिल्म ‘डी डे’ में भी इरफान खान की भूमिका को काफी सराहना मिली थी। इस फिल्म में इरफान खान के साथ दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर भी थे। फिल्म में इरफान खान ने ऐसा किरदार निभाया था, जो फर्ज और परिवार के बीच जूझता रहता है। उन्हें मोस्ट वांटेड अपराधी को पकड़कर भारत लेकर आना था। फिल्म के आखिर में इरफान खान के किरदार को हीरो के तौर पर पेश किया जाता है और यहां पर दर्शकों की आंखों में आंसू आ गये थे। 

पीकू

साल 2015 में आई फिल्म 'पीकू' में इरफान खान के साथ महानायक अमिताभ बच्चन और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण लीड रोल में थीं। दर्शकों के लिए एक ही फिल्म में दो दिग्गज सितारों को एक साथ देखना किसी तोहफे से कम नहीं है। यह जुगलबंदी इतनी दिल को छूती है कि फिल्म देखते समय लगता है कि यह कभी खत्म ही ना हो। अमिताभ और इरफान ने बेहद ही संजीदगी से अपनी भूमिकाओं को निभाया है। शूटिंग के अंतिम दिन इरफान इतने इमोशनल हो गए थे कि अमिताभ के गले लगकर उनके गालों पर किस कर लिया था।

हिंदी मीडियम

साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म फिल्म 'हिंदी मीडियम' भले ही एक गंभीर मुद्दे पर बनी थी लेकिन इरफान खान इसमें खूब हंसाते हैं। इस फिल्म में उनका कॉमिक टाइमिंग काफी लाजवाब है। वे चुपके से अपना संवाद बोलते हुए निकल जाते हैं और लोग उस पर हंस पड़ते हैं। इरफान खान ने इस फिल्म में अपने अभिनय से ये साबित किया कि कॉमेडी करने के लिए आपको आड़े-टेढ़े मुंह बनाने की जरूरत नहीं है। आप अपने संवाद कहने के अंदाज से भी लोगों को हंसा सकते हैं।