सावधान: ज्यादा प्रोटीन लेना भी है खतरनाक, किडनी में पथरी का बन सकता है कारण

सावधान: ज्यादा प्रोटीन लेना भी है खतरनाक, किडनी में पथरी का बन सकता है कारण

Medically Reviewed by Dr. Parvesh Malik

डॉ. परवेश मलिक 
फिजिशियन, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल
डिग्री- एम.बी.बी.एस, एमडी (जनरल मेडिसिन)

शरीर के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है, क्योंकि शरीर में मौजूद हर जीवित कोशिका को प्रोटीन की आवश्यकता होती है। दरअसल, प्रोटीन एक माइक्रोन्यूट्रिएंट है। शरीर को अपने रोजमर्रा के लिए कामों के लिए आहार के रूप में प्रोटीन की जरूरत होती है। वैसे तो प्रोटीन की जरूरत हर किसी को होती है, लेकिन बच्चों और किशोरों को अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है। इससे उनके शरीर का विकास ठीक से होता है। शरीर में प्रोटीन के कई फायदे हैं। यह नई कोशिकाओं को बनाने और सुधारने का काम तो करता ही है, साथ ही बालों से लेकर त्वचा, हड्डियों, नाखूनों, मांसपेशियों और शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए भी प्रोटीन की सख्त जरूरत होती है। यानी कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रोटीन के बिना शरीर बेकार है। इसलिए आहार के रूप में प्रोटीन लेने की जरूरत होती है, लेकिन कभी-कभी ज्यादा प्रोटीन लेना खतरनाक भी हो सकता है। 
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प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रोटीन के फायदे क्या हैं? 
प्रोटीन के उपयोग के अनेक फायदे हैं। यह मसल्स (मांसपेशियां) बनाने में तो मदद करता ही है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और शरीर से गंदगी निकालने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह दिमाग को भी तेज बनाता है। यानी कुल मिलाकर यह शरीर की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखता है।  

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प्रोटीन के स्रोत क्या हैं? 
दाल, आटा 
कच्ची सब्जियां, फल 
दूध, दही 
राजमा, सोयाबीन 
मूंगफली, मेवा 
अंडा, चिकन, मछली 

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प्रोटीन की कमी होती है नुकसानदायक 
शरीर में प्रोटीन की कमी से अनेक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे नाखूनों का नाजुक होना, चिड़चिड़ापन, अवसाद, घाव का जल्दी न भरना, दिमागी थकावट, शारीरिक विकास में कमी, बच्चों में कुपोषण की समस्या, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, बार-बार बीमार पड़ना, नींद न आना, वजन बढ़ना आदि। इसलिए ध्यान रखें, शरीर में प्रोटीन की कमी न होने दें। 


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प्रोटीन की अधिकता भी हानिकारक 
कभी-कभी उचित मात्रा से अधिक प्रोटीन का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रोटीन के अधिक सेवन से किडनी में पथरी (किडनी स्टोन), हृदय और लिवर संबंधित समस्या हो सकती है। इसलिए हमेशा प्राकृतिक रूप से ही प्रोटीन की मात्रा पूरी करनी चाहिए। 
नोट: डॉ. परवेश मलिक एक फिजिशियन हैं और वर्तमान में पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉ. मलिक ने हरियाणा के महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च मुल्लाना, से अपना एबीबीएस पूरा किया है। इन्होंने जनरल मेडिसिन में एमडी भी किया। पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में काम करने से पहले डॉ. परवेश ने एम.एम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी में जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम किया है।  

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