जानें, अमेरिकी हिंसा पर विदेशी मीडिया का क्‍या है नजरिया, इसके लिए कौन है बड़ा गुनहगार

अमेरिका के अधिकतर अखबारों एवं मीडिया ने इसे लीड खबर बनाई है। आइए जानते हैं कि आखिर अमेरिका और विदेशी मीडिया ने इस हिंसा को किस नजरिए से देखा है। उनके अखबार का इस सियासी हिंसा पर क्‍या दृष्टिकोण है।

जानें, अमेरिकी हिंसा पर विदेशी मीडिया का क्‍या है नजरिया, इसके लिए कौन है बड़ा गुनहगार

वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका में सत्‍ता के लिए हिंसा को अमेरिका और विकसित देशों की मीडिया ने किस नजरिए से देखा। किस तरह से कवर किया उसे पढ़कर आप चकित रह जाएंगे। दुनिया के प्रमुख अखबारों एवं वेबसाइटों ने भी इसे प्रमुखता से कवर किया। अमेरिका के अधिकतर अखबारों एवं मीडिया ने इसे लीड खबर बनाई है। आइए जानते हैं कि आखिर अमेरिका और विदेशी मीडिया ने इस हिंसा को किस नजरिए से देखा है। उनके अखबार का इस सियासी हिंसा पर क्‍या दृष्टिकोण है।

राष्‍ट्रपति ट्रंप को हिंसा के लिए असली गुनहगार करार दिया

अमेरिका के प्रमुख अखबार वाशिंगटन पोस्‍ट ने इस हिंसा को पहले पन्‍ने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसे अखबार की लीड खबर बनाया है। अखबार ने हिंसा की बेबाक शीर्षक दिया है। वाशिंगटन पोस्‍ट ने हेंडिंग दी है कि ट्रंप की उकसाई भीड़ संसद भवन में घुसी। खबर में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को हिंसा के लिए असली गुनहगार करार दिया है। वाशिंगटन पोस्‍ट ने लिखा है कि भीड़ को विद्रोह और हिंसा के लिए भड़काया गया। अमेरिका के अन्‍य अखबार न्‍ययॉर्क डेली न्‍यूज ने अपने पहले पन्‍ने इस लीड खबर बनाई है। अखबार ने इस एक काला दिन करार दिया है। एक ऐसा दिन करार दिया जो हमेशा बदनाम रहेगा।