बंजारा मठ के सेवालाल की गिरफ्तारी से कर्नाटक में बढ़ेगी राजनीतिक गर्मी, कई नेताओं से हैं संबंध

लंबे वक्त से राजनीतिक खींचतान का अखाड़ा बने कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा सरकार बहुमत के बावजूद अफवाहों में घिरती रही है। नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों में ठगी के आरोप में गिरफ्तार कर्नाटक के बंजारा मठ के युवराज स्वामी उर्फ सेवालाल की भूमिका का सच आना बाकी है।

बंजारा मठ के सेवालाल की गिरफ्तारी से कर्नाटक में बढ़ेगी राजनीतिक गर्मी, कई नेताओं से हैं संबंध

लंबे वक्त से राजनीतिक खींचतान का अखाड़ा बने कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा सरकार बहुमत के बावजूद अफवाहों में घिरती रही है। नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों में ठगी के आरोप में गिरफ्तार कर्नाटक के बंजारा मठ के युवराज स्वामी उर्फ सेवालाल की भूमिका का सच आना बाकी है। दरअसल सेवालाल सत्ता के गलियारे में घूमते रहे हैं। खुद को आरएसएस से जुड़ा बताते रहे हैं। कथित तौर पर यह दावा भी करते रहे हैं कि उनकी पहुंच भाजपा में शीर्ष नेतृत्व तक है। मुख्यमंत्री पद उनकी उंगली की नोक पर है। कुछ नेताओं को वह यह भी बताते रहे कि बहुत जल्द बदलाव होगा। 

रविवार को बेंगलुरु की राजनीति तब और गर्म हो गई जब ऐसे कई फोटो सार्वजनिक हुए, जिसमें ठगी के मामले में पुलिस गिरफ्त में आए सेवालाल कई राजनीतिज्ञों के साथ नजर आए। इनमें कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा भाजपा के कई नेताओं में राज्य के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी, येदियुरप्पा की पिछली सरकार में मंत्री रहे मुरुगेश निरानी तथा सीपी योगेश्वर शामिल थे।

राज्य के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि आरोपित के साथ राजनेताओं की फोटो से किसी को संदेह के घेरे में नहीं लिया जाना चाहिए। जिन भाजपा नेताओं के साथ सेवालाल के चित्र सार्वजनिक हुए हैं, वे येदियुरप्पा के विश्वस्तों में नहीं गिने जाते। इनमें लक्ष्मण सावदी को विधान परिषद में लाकर उपमुख्यमंत्री बनाया गया। वह भी उसी लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो न सबसे प्रभावी है, बल्कि मुख्यमंत्री भी उसी समुदाय के हैं। 

कई अन्य नेता मंत्री पद की लालसा वाले हैं। फिलहाल सेवालाल ठगी के मामले में गिरफ्तार हैं। माना जा रहा है कि जांच में ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं जिससे प्रदेश में राजनीतिक गर्मी बढ़ेगी। कर्नाटक भाजपा शीर्ष नेतृत्व में यह सहमति है कि फिलहाल वहां येदियुरप्पा का विकल्प नहीं है और दूसरी पंक्ति के नेताओं में सर्व स्वीकार्यता का अभाव है। फिर भी लगातार नेतृत्व परिवर्तन और जदएस के साथ जाने-जैसी अटकलें उड़ती रही हैं। जाहिर तौर पर भाजपा की अंदरूनी खींचतान नहीं रुकी तो सेवालाल कुछ परतें खोल सकते हैं।