दिल्ली: पलवल के बाद गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे पूर्व ओपी सीएम चौटाला, कहा-किसान आंदोलन के कारण देश में मध्यावधि चुनाव की संभावना

गाजीपुर बॉर्डर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने राकेश टिकैत और किसानों से मुलाकात की। उन्होंने सभी से आंदोलन की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारा दल किसानों के समर्थन में है। हरियाणा के किसान इसे लेकर काफी संघर्ष कर रहे हैं।

दिल्ली: पलवल के बाद गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे पूर्व ओपी सीएम चौटाला, कहा-किसान आंदोलन के कारण देश में मध्यावधि चुनाव की संभावना

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यूपी गेट पर चल रहे आंदोलन में मंगलवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने किसानों के साथ अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि किसान आंदोलन के कारण देश में मध्यावधि चुनाव की संभावना है। 


गाजीपुर बॉर्डर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने राकेश टिकैत और किसानों से मुलाकात की। उन्होंने सभी से आंदोलन की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारा दल किसानों के समर्थन में है। हरियाणा के किसान इसे लेकर काफी संघर्ष कर रहे हैं। 


किसानों के आंदोलन का आज इतना असर है कि केंद्र सरकार के सहयोगी छोड़ने वाले हैं। उनके सांसद और कार्यकर्ता भी दूसरी जगह संभावना तलाश कर रहे हैं। जिसके चलते देश में मध्यावधि चुनाव की संभावना है। वहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर पर कर्नाटक किसान शहीद स्मृति दिवस मनाएगी। 

कर्नाटक के किसान व किसान नेता चुक्की नंजुदा स्वामी भी भाग लेंगी। 1980 में 21 जुलाई को इसी दिन सरकार द्वारा किसानों पर लगाए गए तथाकथित बेहतर कल के खिलाफ आंदोलन में पुलिस फायरिंग से दो किसान मारे गए थे। वहीं, संसद के बाहर धरना-प्रदर्शन को लेकर बॉर्डर पर किसानों का आना जारी है।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला अपने सुपौत्र करण चौटाला के साथ मंगलवार को केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर चल रहे किसानों के धरने में भी शामिल हुए। 
 
उन्होंने कहा कि किसानों के खुशहाल होने पर देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। जेल से रिहाई के बाद पहली बार पलवल पहुंचे ओमप्रकाश चौटाला ने आभार व्यक्त कर कहा कि किसानों के सफल संघर्ष के लिए बधाई देने आया हूं। किसानों के आंदोलन पर पूरे विश्व की निगाहें टिकी हैं।

किसानों की मेहनत से प्रभावित होकर 36 बिरादरी के लोग एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश को बांटने का काम कर रही है, लेकिन अब भी भाईचारा कायम है। 

सरकार किसानों को न तो अच्छे खाद-बीज दे रही है और न ही समय पर पानी। अच्छी बारिश होने से फसल अच्छी हो जाती है तो उसे खरीदने वाला नहीं मिलता है। खरीद होती है तो किसान भुगतान के लिए भटकता रहता है। 

भाजपा सरकार योजनाबद्ध तरीके से कानून बनाकर देश का सारा पैसा पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। उन्होंने कहा कि संघर्ष के चलते आज परिस्थितियां किसानों के अनुकूल हैं, सभी किसानों से जुड़ना चाहते हैं। सत्ता में आने पर किसानों की सारी विपदा हर लूंगा। 

वहीं, इनेलो नेता करण चौटाला ने कहा कि संयम के साथ हर लड़ाई को जीता जा सकता है। आज की युवा पीढ़ी को बुजुर्ग किसानों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो आठ माह से संयम के साथ संघर्ष कर रहे हैं। किसानों ने इतना लंबा आंदोलन चला इतिहास रचा है और इसका अंत भी ऐतिहासिक होगा।