दावा : प्रयागराज के 28 और प्रदेश के 550 शिक्षकों की जिंदगी निगल गया कोरोना

पंचायत चुनाव के चलते अकेले प्रयागराज के लगभग एक हजार शिक्षक संक्रमित शिक्षक नेताओं ने सरकार से की मतगणना स्थगित कराने की मांग

दावा : प्रयागराज के 28 और प्रदेश के 550 शिक्षकों की जिंदगी निगल गया कोरोना

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विस्तार
पंचायत चुनाव की ड्यूटी से लौटने के बाद कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक जिले में जहां 28 शिक्षक जान गंवा चुके हैं, वहीं पूरे प्रदेश में 550 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। पंचायत चुनाव से पहले प्रशिक्षण एवं मतदान की ड्यूटी करने वाले जिले के 13 हजार शिक्षकों में से अब तक लगभग एक हजार शिक्षक संक्रमित हो चुके हैं। यह दावा करते हुए उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा, संयोजक हेम सिंह पुंडीर, शिक्षक विधान मंडल दल के नेता सुरेश कुमार त्रिपाठी, ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार से पंचायत चुनाव की मतगणना स्थगित कराने की मांग की है। 


शिक्षक महासंघ का दावा है कि कोरोना की वजह से उन जिलों में अधिक शिक्षकों की मौत हुई है, जहां पंचायत चुनाव हो चुका है। पहले चरण में चुनाव वाले प्रयागराज जिले में 28 प्राथमिक शिक्षक एवं 10 माध्यमिक शिक्षकों की मौत हुई। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट ने पंचायत चुनाव की मतगणना में संभावित कोरोना संक्रमण के खतरे से प्रदेश सरकार को आगाह किया है।


इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे शिक्षक
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि मौत के मुंह में समाने वाले अधिकतर शिक्षक चुनाव ड्यूटी के बाद संक्रमित हुए हैं। संघ की ओर से सोमवार को कोरोना के शिकार हुए 25 शिक्षकों के नाम हैं जबकि तीन  शिक्षकों की मौत बुधवार को हो गई। इस प्रकार जिले में 28 परिषदीय शिक्षक दुनिया में नहीं रहे। शिक्षक संघ का कहना है कि कोरोना के कारण जान गंवाने वाले अधिकतर शिक्षक पंचायत चुनाव में मतदान और उससे पहले हुए प्रशिक्षण के बाद बीमार पड़े. जिन्हें इलाज नहीं मिल सका।

जहां पहले हुआ चुनाव वहां कोरोना के अधिक शिकार
प्रदेश के जिन जिलों में पंचायत चुनाव पहले चरण में हुए, वहां संक्रमण की वजह से मरने वालों की संख्या अधिक है। इसमें अकेले प्रयागराज में ही 28 शिक्षक नहीं रहे, जबकि दूसरे चरण में चुनाव वाले प्रतापगढ़ जिले में अब तक 13 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है। यहां के बीएसए ने दो दिन पहले जो सूची जारी की थी, उसमें 12 शिक्षकों के नाम शामिल थे, वह संख्या दो दिन बाद बढ़ गई है। फतेहपुर जिले में तीसरे चरण में चुनाव हुआ था।

यहां प्रशिक्षण एवं चुनाव के दौरान संक्रमण की वजह से दस शिक्षकों की मौत हो चुकी है। कौशाम्बी जिले में जहां शुक्रवार को मतदान होना है, वहां कोरोना की वजह से चार शिक्षकों की मौत हो चुकी है। भदोही में तीसरे चरण में चुनाव हुआ, यहां सात शिक्षक कोरोना संक्रमण की वजह से काल कवलित हो गए।  उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में अब तक 550 शिक्षकों का निधन हो चुका है।