खौफनाक मंजर : खेरेश्वर घाट पर भी दफनाए गए सैकड़ों शव, बारिश से हटी बालू तो हर ओर दिखीं लाशें
उन्नाव के बक्सर घाट की तरह ही शिवराजपुर का खेरेश्वर घाट भी सैकड़ों लाशों से अटा पड़ा है। गंगा के बीच में और किनारे पर कई शव दफनाए गए। करीब तीन सौ मीटर के दायरे में जिधर भी निगाहें दौड़ाई गईं, शव ही शव नजर आए। शवों के ऊपर से बालू हटी तो मृतकों के परिजनों की बेबसी और मजबूरी सामने आ गई। बताया जा रहा है कि आसपास के ग्रामीण लकड़ी महंगी होने और आर्थिक तंगी के चलते सूखी गंगा में ही शव दफनाकर चले गए। घाट पर तो शवों का अंतिम संस्कार होता आया है लेकिन ग्रामीणों की मानें तो पहली बार गंगा किनारे और बीच में शवों को दफनाने का मामला सामने आया है।
कोरोना काल में इतनी मौतें हुईं कि घाटों पर जगह कम पड़ गई। लंबे इंतजार और अनापशनाप खर्चे से बचने के लिए मजबूर व आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण चोरी छिपे यहीं पर अपनों के शव दफनाते रहे।
एक दिन पहले हुई बारिश के बाद जब बालू बह गई तो ये शव नजर आने लगे। गुरुवार को इसकी खबर फैली तो मजमा लग गया। किसी शव का हाथ नजर आया तो किसी का पैर। कई शवों को तो कुत्तों ने नोंच-नोंचकर क्षतविक्षत कर दिया था। खबर फैली तो पुलिस अफसर भी पहुंचे।
कदम-कदम पर लाशें, पैर रखने की जगह नहीं
ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना काल में सैकड़ों मौतें हुईं। शव गंगा में दफना दिए गए लेकिन पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। गुरुवार को जब भनक लगी तो पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। हर दो-तीन फीट की दूरी पर एक शव दफनाया गया। कहीं-कहीं तो पैर रखने तक की जगह नहीं थी।
गांव में भी बरपा कहर
अप्रैल महीने में शहर में रोजाना सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था। गंगा में शव मिलने से साफ हो गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजाना कई लोग मरते रहे हैं। मौतें कैसे हुईं, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन आशंका है कि ये भी कोरोना संक्रमित या कोरोना जैसे लक्षणों वाले हो सकते हैं।
अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं, तो शव दफनाए
ग्रामीणों ने बताया कि घाट पर लकड़ी आदि की व्यवस्था नहीं है। जहां देते भी हैं, बहुत महंगी देते हैं। एक शव के अंतिम संस्कार में पांच से सात हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। मजबूर और गरीबों के लिए ये रकम बड़ी है। इसलिए लोगों ने शव दफनाने शुरू कर दिए। पिछले एक महीने से शवों की संख्या बढ़ गई है। ग्रामीणों के मुताबिक सैकड़ों शव यहां दफनाए गए हैं। बहुत से शव पानी के बहाव में बह गए।