Bihar Flood: कई जिलों पर गहराया बाढ़ का संकट, हाथिदह में गंगा ने तोड़ा रिकॉर्ड, पटना में पानी घुसने का खतरा

Bihar Flood: कई जिलों पर गहराया बाढ़ का संकट, हाथिदह में गंगा ने तोड़ा रिकॉर्ड, पटना में पानी घुसने का खतरा

बिहार में बक्सर से कहलगांव तक गंगा नदी विकराल हो गई है। इसका असर पटना शहर समेत पूरे जिले में दिख रहा है। पानी के दबाव के कारण पटना शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बांधों पर दबाव बढ़ने से कई जगह रिसाव शुरू हो गया है। गुरुवार देर रात दीघा लॉक यानी पटना नहर में रिसाव हो गया। इससे शहर में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है।
 
रात 11 बजे इसकी सूचना पर डीएम चंद्रशेखर सिंह सिंचाई विभाग और बुडको के इंजीनियर मजदूर लेकर दीघा लॉक पहुंचे। करीब दो घंटे तक मरम्मत कार्य चला। पानी निकालने के लिए 13 मोटर पंप लगाए गए हैं। जलस्तर बढ़ने के बाद राजधानी के ज्यादातर घाटों पर जाने से रोक लगा दी गई है। 

वहीं, हाथिदह में गंगा अपने सर्वाधिक ऊंचाई को पार कर गई। शुक्रवार देर रात तक राजधानी के गांधीघाट पर पर भी गंगा के सर्वाधिक ऊंचाई छूने की आशंका है। पुनुपुन बांध में भी कई जगह रिसाव से बाढ़ का पानी कई गांवों में प्रवेश कर गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पटना के करीब 18 घाटों पर लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है। 

उधर, बक्सर के साथ ही सभी तटवर्ती जिलों के दियारा क्षेत्र के घरों में पानी घुसने लगा है। बक्सर- कोचस स्टेट हाईवे पर भी लगभग एक फुट पानी चढ़ गया है। भागलपुर में एनएच 80 पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी बहने लगा है। इससे भागलपुर जिला मुख्यालय का दूसरे जिलों से संपर्क कटने की स्थिति है। 

दियारा में लगी खरीफ फसलें डूब गई हैं। वहीं समस्तीपुर जिले के मोहनपुर और मोहिउद्दीननगर प्रखंड की दर्जनों पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। यहां गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रहा है।  

हाथिदह में वर्ष 2016 का है सर्वाधिक रिकॉर्ड

गांधी घाट और हाथिदह में गंगा के जलस्तर का सर्वाधिक रिकॉर्ड है। गांधीघाट पर वर्ष 2016 में गंगा सर्वाधिक 50.52 मीटर मीटर था। गुरुवार अपराह्न तीन बजे गंगा यहां 50.12 मीटर पर थी। वहीं, गुरुवार देर शाम गंगा हाथिदह में सर्वाधिक ऊंचाई को पार कर गई। 

वर्ष 2016 में यहां गंगा का जलस्तर सबसे ज्यादा 43.17 मीटर रहा था। गुरुवार शाम सात बजे जलस्तर 43.13 मीटर था। यहां गंगा प्रतिघंटे तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है। जलसंसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार देर शाम करीब नौ बजे गंगा यहां सर्वाधिक ऊंचाई को पार कर गई।

राहत : 24 से 48 घंटे में गंगा के घटने की संभावना

बिहार के गंगा किनारे के जिलों के लिए राहत देने वाली खबर है कि उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर गुरुवार की सुबह से घटने लगा है। डीएम अमन समीर के अनुसार, गंगा का जलस्तर इलाहाबाद में तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से कम हो रहा है। इसका असर बक्सर समेत राज्य के गंगा किनारे वाले अन्य जिलों पर भी आगामी 24 से 48 घंटे में दिखेगा। 

इससे पानी का स्तर जल्द ही कम होने की संभावना है। वैसे इसका असर गुरुवार से ही यहां दिख रहा है कि गंगा का जलस्तर पहले की तुलना में कम तेजी से बढ़ रहा है। अभी बक्सर में गंगा के बढ़ने की रफ्तार तीन घंटे में एक सेमी हो गई है, जबकि बुधवार तक औसतन एक से दो सेमी प्रति घंटे की थी।

मुंगेर को छोड़ सभी जगह गंगा लाल निशान के पार

गंगा अपना उग्र तेवर बरकरार रखते हुए राज्य में कई जगहों पर नया उच्चतम स्तर बनाने को बेताब है। आसपास की बड़ी नदियों में सोन और पुनपुन का भी बढ़ता जलस्तर स्थिति को गंभीर बना रहा है। दो दिनों से तेजी से बढ़ रही गंगा गुरुवार को भी इलाहाबाद से फरक्का तक लाल निशान के काफी ऊपर बह रही है। 

मुंगेर को छोड़कर सभी जगहों पर यह नदी लाल निशान से एक मीटर से ज्यादा ऊपर है। गंगा पटना के गांधीघाट, हाथीदह और कहलगांव में अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई है। शुक्रवार तक हाथीदह में यह नदी नया उच्चतम स्तर बना सकती है। वहां इसका जलस्तर उच्चतम स्तर 43.17 मीटर से मात्र सात सेमी नीचे है। 

पुनपुन और सोन भी पटना में लाल निशान से काफी ऊपर जाने के बाद भी तेज रफ्तार से बढ़ रही है। हाथीदह के साथ पटना के गांधी घाट पर भी गंगा 2016 में बने उच्चतम जलस्तर 50.52 मीटर को पार कर सकती है। वहां अब मात्र 42 सेमी नीचे रह गई है। गुरुवार को वहां 50.10 मीटर जलस्तर के साथ बह रही है और लाल निशान से 1.50 मीटर ऊपर है। 

दीघा घाट में गंगा लाल निशान से 24 घंटे में 24 सेमी बढ़कर लाल निशान से 107 सेमी ऊपर चली गई है। भागलपुर में 53 और कहलगांव में 97 सेमी लाल निशान से ऊपर बह रही है। इस नदी का जलस्तर गुरुवार तक सभी जगहों पर 10 से 20 सेमी और बढ़ने की आशंका है। खास बात यह है कि बिहार से बाहर भी गंगा अपस्ट्रीम और डाउन ट्रीम दोनों में तेजी से बढ़ रही है। 

इलाहाबाद में इसका जलस्तर गुरुवार को तीन सेमी नीचे आया है। वहां नदी लाल निशान से 49 सेमी ऊपर है, लेकिन बनारस में 24 सेमी चढ़कर लाल निशान से 106 सेमी ऊपर पहुंच गई है। कहलगांव के बाद फरक्का में भी लाल निशान से एक मीटर ऊपर है। यह स्थिति तब है जब फरक्का बराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। 

पुनपुन श्रीपालपुर व सोन मनेर में लाल निशान पार 

पटना के श्रीपालपुर में पुनपुन एक बार फिर 1.77 मीटर लाल निशान से ऊपर चली गई। सोन भी मनेर में तीन दिन से लाल निशान से ऊपर बह रह है। गुरुवार को मनेर में यह नद 94 सेमी लाल निशान से ऊपर है। शुक्रवार तक इसमें 20 सेमी और बढ़ने की आशंका है। 

कोसी का डिस्चार्ज बढ़ा, बागमती, बूढ़ी गंडक और कमला भी ऊपर 

कोसी का डिस्चार्ज भी बढ़ा है। इससे बराह क्षेत्र में 107 हजार और बराज पर एक लाख 51 हजार घनसेक पानी मिल रहा है। गंडक का डिस्चार्ज भी वाल्मीकिनगर पर बराज पर एक लाख छह हजार घनसेक है। दूसरी नदियों में बागमती मुजफ्फरपुर में 74 और बूढी़ गंडक खगड़िया में 171 सेमी और कमला झंझारपुर में 80 सेमी ऊपर बह रही है। गुरुवार को कमला जयनगर में भी लाल निशान से पांच सेमी ऊपर चढ़ गई है।