Tokyo Olympics में झारखंड की बेटी ने रचा इतिहास, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय तीरंदाज

टोक्यो ओलिंपिक में झारखंड की बेटी ने इतिहास रच दिया है। प्री क्वार्टर फाइनल शूट ऑफ में दीपिका ने 6-5 से पेरूवा को हराने के साथ ही ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई। इसके साथ ही ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय तीरंदाज बन गई हैं।

Tokyo Olympics में झारखंड की बेटी ने रचा इतिहास, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय तीरंदाज

टोक्यो ओलिंपिक में झारखंड की बेटी ने इतिहास रच दिया है। आज सुबह प्री क्वार्टर फाइनल शूट ऑफ में दीपिका ने 6-5 से पेरूवा को हराने के साथ ही ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई। इसके साथ ही ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय तीरंदाज बन गई हैं। बता दें कि इससे पहले मिश्रित युगल के प्रदर्शन को भुलाते हुए विश्व की नंबर एक महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी की व्यक्तिगत स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन से झारखंड के तीरंदाजों को जोश हाई है।

व्यक्तिगत मुकाबले में दीपिका क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है और उम्मीद की जा रही है वह इस बार ओलिंपिक में पदकों का सुखा खत्म करने में सफल रहेगी। पदक से दीपिका में अब चंद कदम ही दूर है और झारखंड के तीरंदाज अपनी दीदी की जीत के लिए दुआएं मांग रहे हैं। झारखंड के तीरंदाजों व प्रशिक्षकों को उम्मीद है कि इस बार झारखंड की बेटी ही भारत के लिए तीरंदाजी में पहला पदक जीतने वाली बनेगी।

राष्ट्रीय खिलाड़ी ज्योति कुमारी ने कहा व्यक्तिगत मुकाबले में तेज हवाओं के बीच दीपिका दीदी ने जो तालमेल बैठाया है वह काबिले तारीफ हैं। तेज हवाओं के बीच अपना संतुलन बनाए रखना आसान नहीं होता है। लेकिन दीपिका दीदी ने वह कर दिखाया। उनकी मानसिक शक्ति काफी मजबूत है जो उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से अलग करती है। यही उनकी सफलता का राज है।

राष्ट्रीय खिलाड़ी दीप्ति कुमार जोन्हा सेंटर की प्रशिक्षु थी और अभी आइटीबीपी से जुड़ी है। उसने बताया कि व्यक्तिगत मुकाबले में पदक की उम्मीद ज्यादा है। दीपिका अगर एक मुकाबला और जीत जाती है तो सेमीफाइनल में पहुंच जाएगी। वहां उसका विशेष प्रयास विश्व की नंबर एक तीरंदाज को पदक की दौड़ में पहुंचा देगा। हमलोग चाहते हैं भारत के लिए पहला तीरंदाजी पदक झारखंड की बेटी ही जीते।

राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज रीना कुमारी ने बताया कि वह ओलिंपिक में तीरंदाजी मुकाबले देखना नहीं भूलती। मिश्रित युगल में दीपिका की हार वह मायूस हो गई थी लेकिन बुधवार को दीपिका ने व्यक्तिगत स्पर्धा में अपने को पदक की दौड़ में बनाए रखा है। उनकी सफलता के लिए मैं क्या झारखंड के सभी तीरंदाज दुआएं मांग रहे हैं। उसने कहा की दीदी का एक पदक झारखंड में तीरंदाजों का जोश और बढ़ा देगा और यहां कई नए खिलाड़ी निकलेंगे।

राष्ट्रीय प्रशिक्षक रोहित कुमार ने कहा कि दीपिका कुमारी व अतानु दास से उम्मीद बढ़ गई है। दोनों को अपना अगला मुकाबला जीतना होगा। चाहे यह मुकाबला कोरिया के तीरंदाजों के साथ हो या किसी और के साथ। दीपिका का यह तीसरा ओलिंपिक है और अपने अनुभवों के साथ वह बेहतर कर सकती है। झारखंड समेत पूरे देश की नजरें दीपिका पर ही टिकीं है। अंतिम 16 के मुकाबले में दीपिका का सामना रूस की तीरंदाज पेरोवा सेनिया से होगा। अगर कोई उलटफेर नहीं हुआ तो अंतिम आठ में दीपिका जीत कर पहुंचती है तो उसका मुकाबला कोरिया के तीरंदाज से होगा।

रांची जिला तीरंदाज संघ के कार्यकारी अध्यक्ष चंचल भट्टाचार्य ने कहा कि दीपिका से उम्मीदें काफी बढ़ गई है। वह इन उम्मीदों पर कितनी खड़ी उतरती है वह तो समय ही बातयेगा लेकिन उसकी जीत के लिए झारखंड का हर खिलाड़ी व खेल प्रेमी दुआं मांग रहा है। दीपिका अपनी प्रतिभा के अनुरुप प्रदर्शन करने में सफल रही तो पदक पक्का है।