सिंबल लिया, पैसा लिया और चुनाव हारते ही हो गए बेवफा, ये हाल है देश की सबसे पुरानी पार्टी का

कांग्रेस के अंदर थमने का नाम नहीं ले रहा अंतर्कलह ऐसे कई नेता जिन्‍होंने पार्टी के सिंबल पर लड़ा और चुनाव में मिली हार अब पार्टी से नोटिस मिलेगा नए कांग्रेस प्रभारी की बैठक से गायब रहे नेता पार्टी गंभीर

सिंबल लिया, पैसा लिया और चुनाव हारते ही हो गए बेवफा, ये हाल है देश की सबसे पुरानी पार्टी का

 बिहार कांग्रेस ने महागठबंधन की छतरी तले 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा। पार्टी का सिंबल हासिल करने के लिए प्रत्याशियों ने पटना से दिल्ली तक के कई चक्कर लगाए। जैसे-तैसे करके सिंबल लिया, पैसा भी प्राप्त कर लिया, लेकिन चुनाव हारते ही आधे प्रत्याशी बेवफा भी हो गए हैं। इनकी बेवफाई का आलम यह है कि आलाकमान का निर्देश भी इनके लिए अब मायने-मतलब नहीं रखता है। पार्टी से बेवफाई करने वाले नेता अब पार्टी के निशाने पर हैं।

हारने वालों में आधे से अधिक प्रत्‍याशी नहीं आए बैठक में

बिहार कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी भक्त चरण दास 11 जनवरी से पटना में हैं। पहले दौरे पर बिहार आए प्रभारी चरण दास ने पार्टी की राज्य कार्यकारिणी, विधायकों के साथ ही चुनाव लडऩे वाले सभी उम्मीदवारों की अलग-अलग बैठक बुलाई थी। जीते हुए विधायक तो आदेश का पालन करने बैठक में पहुंच गए, लेकिन जिन 51 प्रत्याशियों की किस्मत में हार आई उनमें से आधे से अधिक प्रत्याशी बैठक में नहीं पहुंचे। सूत्रों का दावा है कि हारे हुए 51 में 48 प्र्रत्याशी बैठक में नहीं आए। जबकि बैठक की सूचना बकायदा कांग्रेस के वॉटसएप ग्रुप के जरिए दी गई। बैठक के दिन पार्टी कार्यालय से उन्हें फोन किए जाने की जानकारी भी सूत्र दे रहे हैं। पर इन हारे उम्मीदवारों में आधे से अधिक को बैठक में नहीं आना था सो नहीं आए।

बैठक में नहीं आने वालों को कारण बताओ नोटिस

हारे उम्मीदवारों की इस लापरवाही को बिहार प्रभारी ने गंभीरता से लिया है। दास ने इन सबको कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश नेतृत्व को हिदायत दी गई है कि यदि प्रत्याशी गायब रहने का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकते हैं तो इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता भी स्‍वीकारते व्‍यवस्‍था चरमराने की बात

मसले पर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा कहते हैं कि उन्होंने जब से विधानमंडल दल के अध्यक्ष का पद संभाला है चीजों का वॉच कर रहे हैं। पूरी व्यवस्था चरमराई हुई है। महसूस किया है कि सिर्फ टिकट के वक्त लोग भीड़ लगाते हैं, बाद में सब गायब हो जाते हैं। जमीन पर काम करने वालों की पार्टी में काफी कमी है। अजीत शर्मा ने कहा जो प्रत्याशी निर्देश के बाद भी बैठक में नहीं आए उनसे कारण पूछा गया है। संतोषजनक उत्तर नहीं पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।