यूपी : कोविड नियंत्रण के लिए अब टीम-9, सीएम योगी ने टीम-11 का किया पुनर्गठन, कोविड प्रबंधन पर रहेगा फोकस

सार संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण और प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री योगी ने टीम-11 का पुनर्गठन करते हुए टीम-9 का गठन किया है। मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में बनाई गई नौ अलग-अलग कमेटियां कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े कार्यों की निगरानी करेंगी। 

यूपी : कोविड नियंत्रण के लिए अब टीम-9, सीएम योगी ने टीम-11 का किया पुनर्गठन, कोविड प्रबंधन पर रहेगा फोकस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

विस्तार
प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण और प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 का पुनर्गठन करते हुए टीम-9 का गठन किया है। मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में बनाई गई नौ अलग-अलग कमेटियां कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े कार्यों की निगरानी करेंगी। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल ने शुक्रवार को टीम-9 के गठन संबंधी आदेश जारी कर दिए।

मुख्यमंत्री ने इन सभी कमेटियों को अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े मामलों की सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है। अगर कहीं किसी तरह की गड़बड़ी या लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित कमेटी के अध्यक्ष व उसमें शामिल अधिकारी जवाबदेह होंगे और  उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


अस्पतालों में बेड, प्रभावी इलाज व टीकाकरण के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी
टीम-9 की पहली कमेटी चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा सदस्य होंगे।
यह होगी जिम्मेदारी
सरकारी व निजी अस्पतालों में आईसीयू व ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था करना। सभी अस्पतालों में मैनपावर की व्यवस्था, टीकाकरण अभियान एवं टीकों की आपूर्ति की व्यवस्था।
भारत सरकार के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से समन्वय तथा कोरोना संक्रमित मरीजों के प्रभावी इलाज, अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड, दवाइयों व मास्क आदि की व्यवस्था।
मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था।

रेमडेसिविर की आपूर्ति का जिम्मा स्वास्थ्य मंत्री को
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गठित दूसरी समिति में राज्यमंत्री अतुल गर्ग, अपर मुख्य सचिव चिकि त्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा राहत आयुक्त शामिल हैं।
ये है जिम्मेदारी
-एंबुंलेंस सेवाओं का सुचारू संचालन। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की निगरानी।
- जरूरी दवाओं के साथ-साथ रेमडेसिविर व टोसीलिजुमैब की समुचित आपूर्ति।
- होम क्वारंटीन वाले मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराना।

टीम-9 को योगी का मंत्र- हर जिले पर हो सीधी नजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना प्रबंधन के लिए टीम-9 को हर जिले पर सीधी नजर रखने का मंत्र दिया है। टीम-9 यानी नौ अलग-अलग कमेटियों के सभी सदस्य चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगे और सीधे सीएम को रिपोर्ट करेंगे। शुक्रवार को कोविड निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद सीएम ने इस नई टीम के साथ बैठक की। 

सीएम ने कहा कि अब तक की लड़ाई में टीम-11 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। टीम वर्क का ही परिणाम है कि कोविड की पिछली लहर में यूपी सुरक्षित रहा। बदलती परिस्थितियों में एक नई टीम-9 का गठन किया गया है। यह टीम कोविड प्रबंधन से जुडे़ कार्यों को देखेगी। नीतिगत निर्णय लेगी और उसे लागू करा सकेगी। मुख्यमंत्री ने इन सभी समितियों को अपने-अपने क्षेत्र से से जुड़े मामलों की सघन निगरानी करने को कहा है। अगर कहीं किसी तरह की गड़बड़ी या लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित कमेटी के अध्यक्ष व उसमें शामिल अधिकारी जवाबदेह होंगे और उनके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी।

ये हैं कमेटियां
तीसरी समिति : मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित तीसरी कमेटी में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गृह, चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा को रखा गया है। इस समिति को भारत सरकार व अन्य राज्य सरकारों से समन्वय के साथ केंद्र को प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराने, केंद्र सरकार के पत्रों का समय से जवाब भेजने तथा अंतर्विभागीय समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।
चौथी समिति : अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति में अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एमएसएमई तथा श्रम एवं सेवायोजन को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। यह समिति औद्योगिक इकाइयों के संचालन, सभी इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना, उद्योगों की समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी निभाएगी।
पांचवीं समिति : इसमें कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में बनी है। इसमें अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव कृषि, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, दुग्ध विकास एवं पशुधन तथा निदेशक मंडी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह समिति गेहूं खरीद की व्यवस्था, किसानों को समय से खाद, बीज आदि उपलब्ध कराने, गो आश्रय स्थलों में भूसे, चारे आदि की व्यवस्था तथा लोगों को जरूरी सामान उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने जैसे क्रिया कलापों पर नजर रखेगी।
छठी समिति : अपर मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता वाली इस समिति में प्रमुख सचिव एफएसडीए व परिवहन तथा एडीजी कानून-व्यवस्था/पीएसी शामिल हैं। यह समिति प्रदेश में ऑक्सीजन की समुचित व समय से व्यवस्था सुनिश्चित कराएगी तथा इसके लिए भारत सरकार, अन्य प्रदेशों तथा आपूर्तिकर्ताओं व ट्रांसपोर्टरों से समन्वय स्थापित करेगी।
7वीं समिति : अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में गठित इस समिति में राहत आयुक्त व गृह सचिव को रखा गया है। यह समिति प्रवासी कामगारों के प्रदेश में आने पर रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों तथा सभी जिलों में उनकी जांच और जरूरी होने पर क्वारंटीन की व्यवस्था कराएगी।
8वीं समिति : डीजीपी की अध्यक्षता वाली इस समिति कंटेनमेंट जोन में प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित कराने के साथ-साथ मास्क की अनिवार्यता, साप्ताहिक बंदी केआदेश का कड़ाई से पालन कराने, जेलों में सफाई व्यवस्था व सैनिटाइजेशन, सभी पुलिस लाइनों में कोविड केयर सेंटर की स्थापना तथा फोर्स को रिजर्व रूप में तैयार रखने की प्रक्रिया पर नजर रखेगी। इस समिति में डीजी जेल व ट्रेनिंग व एडीजी कानून-व्यवस्था/पीएसी शामिल हैं।
9वीं समिति : अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज की अध्यक्षता वाली यह समिति सभी नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन, निगरानी समितियों को सक्रिय रखने, पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था को नियमित रूप से लागू करने तथा पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराएगी। इस समिति में अपर मुख्य सचिव नगर विकास, प्रबंध निदेशक जल निगम व निदेशक पंचायती राज शामिल हैं।