बेबसी: पत्नी को लगवाना था टीका, गोद में उठाकर ले गया 76 वर्षीय बुजुर्ग, बोला- डॉक्टर ने नहीं दी व्हीलचेयर
कोरोना काल में दुनिया ने सभी तरह की तस्वीरें देखी। जिनमें इंसानियत से लेकर लाचारी, बेबसी और कालाबाजारी तक शामिल है। ठीक ऐसे ही एक बेबसी की तस्वीर तमिलनाडु से आई, जहां संसाधनों की कमी के चलते एक 76 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी को गोद में उठाकर टीका लगवाने ले गए।
विस्तार
कोरोना के इस मुश्किल दौर में अपनों को बचा लेना ही सबसे अहम है। इस दौरान सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल तो खुली है लेकिन कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं, जो दिल को छू लेने वाली थी। कई ऐसी घटनाएं सामने आईं, जहां हर धर्म, जाति, समुदाय के लोग एक-दूसरे की मदद करते नजर आए। लेकिन कई तस्वीरों ने दिल भी दुखाया।
संसाधनों की कमी ने किया मजबूर
ऐसी ही एक तस्वीर तमिलनाडु के कोयंबटूर से आई, जहां एक 76 वर्षीय बुजुर्ग जगनाथन अपनी पत्नी को कोरोना का टीका लगाने के लिए गोद में उठाते दिखाई दिए। मीडिया रिपोर्ट की माने तो संसाधनों की कमी की वजह से बुजुर्ग को ये मजबूरी में करना पड़ा। आरोप है कि अस्पताल ने बुजुर्ग को व्हीलचेयर देने से मना कर दिया था।
बता दें कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर कोरोना की वैक्सीन लग रही थी। इस केंद्र पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने बुजुर्ग शख्स को व्हीलचेयर नहीं दी। बता दें कि बुजुर्ग की पत्नी चलने में असमर्थ थी। बुधवार को जगनाथन थुडियालुर के एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर गए, ताकि उनको और उनकी पत्नी को कोरोना की टीका लग सके।
डॉक्टर ने व्हीलचेयर देने से किया मना
बुजुर्ग शख्स ने अपनी पत्नी के लिए हेल्थ सेंटर के डॉक्टर से व्हीलचेयर की मांग की तो डॉक्टर ने उसे ठुकरा दिया। डॉक्टर ने बुजुर्ग शख्स को बताया कि ये व्हीलचेयर वैक्सीन लगवाने आ रहे लाभार्थियों के लिए नहीं है, और उन्हें खुद से एक व्हीलचेयर का इंतजाम करना होगा।
इसके बाद जगनाथन के पास कोई विकल्प नहीं बचा, तो वो अपनी पत्नी को गोद में उठाकर पीसीएच केंद्र तक ले आए। बुजुर्ग शख्स ने कहा कि वैक्सीनेशन केंद्र पर पहुंचकर कुछ लोगों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया लेकिन वो अपनी पत्नी को खुद के बलबूते पर ही टीका लगवाना चाहते थे।
दोनों दंपती को 90 मिनट बाद लगा टीका
उन्होंने बताया कि दोनों को टीका लगवाने में 90 मिनट का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने आगे बताया कि वैक्सीनेशन के दौरान हमें इतनी ही राहत मिली कि मेरी पत्नी को कहीं बैठा दिया गया, जबकि मैं पूरा समय लाइन में खड़ा रहा।
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