LJP से बेदखली के बाद NDA में भी अलग-थलग पड़े चिराग पासवान, क्या बीजेपी देगी साथ?
- लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान न सिर्फ अपनी पार्टी बल्कि एनडीए में भी अलग-थलग पड़ गए हैं। बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए और खासकर नीतीश कुमार और जदयू को नुकसान पहुंचाने के फलस्वरूप वह दल और गठबंधन दोनों में हाशिए पर पहुंच गये। तब जदयू को लोजपा प्रत्याशियों के कारण कम से कम 36 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। यह बात दीगर है कि चिराग की यह रणनीति उनकी अपनी भी पार्टी के काम नहीं आयी थी।
अपने चाचा से लोकसभा में दल के संसदीय दल का नेता पद गंवाने वाले चिराग पासवान को पार्टी के सांसदों की इस मुखालफत में भाजपा का भी साथ नहीं मिला, जिनसे उन्हें पूरी उम्मीद थी। विधानसभा चुनाव में चिराग यह कहते नहीं थकते थे कि वे पीएम मोदी के हनुमान हैं और चुनाव बाद बिहार में भाजपा और लोजपा की सरकार बनेगी। उधर बिहार में एनडीए के दोनों प्रमुख दल भाजपा और जदयू की लोजपा के भीतर चल रही कवायद पर पिछले कई दिनों से पैनी नजर बतायी जा रही है। चाहे मामला लोकसभा अध्यक्ष से मिलने का हो, जुटने का हो या अन्य गतिविधियां हुई हों। अब जबकि चिराग अकेले पड़ गये हैं तो बेशक जदयू को इससे सुकून मिला होगा। लेकिन इसके साथ ही भविष्य में चिराग को लेकर भाजपा के रुख पर अटकलें भी लग रही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या आगे चिराग को भाजपा से कोई मदद मिल सकती है?
सोमवार को लोजपा के पांचों सांसदों की दिनभर की गतिविधियों पर कहीं न कहीं एनडीए के दोनों दलों के नेताओं की नजर रही। लोजपा सांसद वीणा सिंह के घर हुई जुटान में जदयू के तीन बड़े नेता देखे गये। यहां पशुपति कुमार पारस, चंदन सिंह, महबूब अली कैसर और प्रिंस राज तथा वीणा देवी के साथ लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह, पासवान के निकट रिश्तेदार तथा वरिष्ठ जदयू नेता महेश्वर हजारी तथा जदयू के मुख्य प्रवक्ता तथा विधान पार्षद संजय सिंह भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक लोजपा सांसदों के साथ जदयू नेताओं ने दिन का भोजन किया।
पारस की लोजपा से जदयू की रहेगी निकटता
माना जा रहा है कि अब पारस की लोजपा से जदयू की निकटता रहेगी। पशुपति पारस पहले से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशंसक रहे हैं। सांसद बनने के पहले पारस नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में पशुपालन मंत्री भी रहे हैं तथा नीतीश कुमार ने उन्हें विधान परिषद का भी सदस्य बनवाया था। रविवार की शाम से ही चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद सोमवार की सुबह जब उन्होंने मीडिया के समक्ष पहली प्रतिक्रया दी, तब भी इसे साफ-साफ कहा था। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं। उन्हें वे अच्छा नेता मानते हैं।