Parliament update: विपक्ष के तेवर के सामने सरकार ने भी कसी कमर, सत्र खत्म होने में बचे कुछ ही दिन
संसद में लगातार सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वो अपनी मांग से पीछे नहीं हटने वाला है। वहीं सरकार ने भी सत्र के बचे हुए कुछ दिनों के लिए कमर कस ली है।
मानूसन सत्र के खत्म होने के अब केवल तीन दिन ही शेष रह गए हैं। 19 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र का ज्यादातर समय गतिरोध में ही बीता है। इसकी वजह से दोनों ही सदनों में काम कम हुआ और इसकी वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान भी उठाना पड़ा है। विपक्ष द्वारा जारी गतिरोध की सबसे बड़ी वजह पेगासस जासूसी कांड रहा है और दूसरी वजह किसानों को मुद्दा रहा है।
इन दोनों ही मुद्दों पर विपक्ष लगातार चर्चा किए जाने की मांग कर रहा है, वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष इन मुद्दों पर राजनीति कर रहा है। सरकार की तरफ से ये भी अपील की गई है कि विपक्ष को जनहित के मुद्दों पर सदन में वार्ता करनी चाहिए। गतिरोध के बीच सरकार अब तक कुछ बिल भी पास करवा चुकी है। विपक्ष इस पर भी अपनी आपत्ति जता रहा है। हालांकि राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देने संबंधी बिल पर विपक्ष ने सरकार का साथ दिया है। इस बीच विपक्ष ने ये भी साफ कर दिया है कि पेगासस, कृषि कानूनों और महंगाई के मुद्दों पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
जैसे-जैसे मानसून सत्र के समाप्त होने के दिन नजदीक आ रहे हैं सरकार ने भी पूरी कमर कस ली है। इसके तहत अब आखिरी दिनों में सरकार ने विधायी कामकाज को पूरा करने की रफ्तार तेज कर दी है। विपक्ष के तेवर और सरकार की तैयारी को देखते हुए इस लिहाज से आज भी दोनों ही सदनों में हंगामा होने के आसार हैं।
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कांग्रेस सांसद रिपुण बोरा ने राज्य सभा में तेल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के लिए सदन में नोटिस दिया है। उन्होंने कहा है कि नियम 267 के तहत अन्य मुद्दों को छोड़कर इस पर बहस की जानी चाहिए।