आंग सान 17 फरवरी तक रिमांड पर, वकील ने कार्यवाही की निष्पक्षता पर की ये अहम टिप्पणी

वकील खिन माउंग जॉ ने संवाददाताओं से कहा कि वह अभी भी कानून के अनुरूप ही चलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई में शुरुआती उपस्थिति आंग सान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा होगी।

आंग सान 17 फरवरी तक रिमांड पर, वकील ने कार्यवाही की निष्पक्षता पर की ये अहम टिप्पणी

म्यांमार की सत्ता से बेदखल की गई सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को फिलहाल कैद में ही रहना होगा। उनके वकील ने राजधानी नैप्यीदा में पत्रकारों से कहा, 'अदालत में सुनवाई के लिए बुधवार तक हिरासत में रखा जाएगा, इसपर सुनवाई सोमवार को शुरू नहीं हो पाएगी।'

खिन माउंग जॉ ने संवाददाताओं से कहा कि वह अभी भी कानून के अनुरूप ही चलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हम यहां अपने पावर ऑफ अटॉर्नी लेटर और डिस्ट्रिक्ट जज के साथ चर्चा करने आए थे। उनके अनुसार, रिमांड 17 तक है इसलिए आज सुनवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा कि शुरुआती उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा होगी।

कार्यवाही की निष्पक्षता के बारे में पूछे जाने पर, वकील ने कहा 'यह उचित है या नहीं, आप स्वयं निर्णय ले सकते हैं।' बता दें कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट में खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इसका सेना पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। तमाम हिंसा की झड़पे सामने आ चुकी है, जिनमें कई घायल हो गए हैं। इस बीच आंग सान सू की की सुनवाई भी नहीं हो सकी।

देश में नागरिक शासन बहाल करने को लेकर हजारों की भीड़ सड़कों पर है। वहीं, विरोध को दबाने के लिए सेना ने सोमवार को प्रमुख शहरों में बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया है। इसके अलावा देर रात 1 बजे से इंटरनेट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे पहले फेसबुक समेत अन्य सोशल एप को भी बंद कर दिया गया है।

सनद रहे 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने देश की निर्वाचित सरकार को हटाकर देश पर अपना नियंत्रण कर लिया था। इस दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की तथा उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अन्य नेताओं को नजरबंद करने के बाद आपातकाल लगा दिया था। सेना का आरोप है कि देश में हाल ही में हुए चुनावों में धांधली हुई थी और आंग सान सू ची सरकार ने इसकी कोई जांच नहीं कराई है। एक साल के लिए अब देश में आपातकाल लागू है।