म्यांमार की सड़कों पर बख्तरबंद वाहन तैनात, सेना ने पूरी तरक से बंद किया इंटरनेट
भारत और अमेरिका म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद स्थिति पर लगातर नजर बनाए हुए हैं। सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन माइंट सहित कई राजनीतिक नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट में खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। नागरिक शासन बहाल करने की मांग को लकेर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर जुट रहे हैं। लोगों के विरध प्रदर्शन को दबाने के लिए सेना से सोमवार को प्रमुख शहरों में बख्तरबंद वाहनों को तैनाती की है। इसके साथ ही देर रात 1 बजे से इंटरनेट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
अल जज़ीरा ने बताया कि लगातार नौ दिन से लगातार हो रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए प्रमुख खहरों में सैन्य वाहन गस्त लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, रविवार शाम को बख्तरबंद वाहनों को यांगून, मायित्किना और सिटवे में देखा गया।
इससे पहले, सैनिकों को उत्तरी राज्य काचिन में बिजली संयंत्रों में तैनात किया गया था, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी झड़प भी हुई। लोगों का मानना है कि सेना बिजली काटने के इरादे से वहां गई है। सैन्य शासन के बावजूद म्यांमार में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसमें यांगून और अन्य प्रमुख शहर भी शामिल हैं।
इस बीच म्यांमार में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों से सुरक्षित स्थनों पर रहने की अपील की है, क्योंकि 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद पहली बार शहरों में बख्तरबंद वाहनों को घुमाया जा रहा है। दूतावास ने यह भी कहा कि रात 1 से 9 बजे के बीच दूरसंचार सेवाएं बंद रह सकती हैं।
गौरतलब है कि 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने पिछले सप्ताह देश की निर्वाचित सरकार को हटाकर देश पर अपना नियंत्रण कर लिया था। इस दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची तथा उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अन्य नेताओं को नजरबंद करने के बाद आपातकाल लगा दिया था। सेना का आरोप है कि देश में हाल ही में हुए चुनावों में धांधली हुई थी और आंग सान सू ची सरकार ने इसकी कोई जांच नहीं कराई है।