इस महीने से महंगाई का और बोझ सहने के लिए रहें तैयार, घर का बजट संभालना होगा और मुश्किल

इस महीने से महंगाई का और बोझ सहने के लिए रहें तैयार, घर का बजट संभालना होगा और मुश्किल

देशभर के आम उपभोक्ताओं को जुलाई में महंगाई का और बोझ सहने के लिए तैयार रहना होगा। दरअसल, कई उपभोक्ता कंपनियों ने उत्पादन लागत में बढ़ोतरी के बाद अपनी वस्तुओं की कीमत जुलाई से बढ़ाने का फैसला किया है। अमूल ने भी उत्पादन लागत बढ़ने का हवाला देते हुए दूध की कीमतों को दो रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी करने का ऐलान 1 जुलाई से किया है। आने वाले में दूसरे डेयरी कंपनियां भी अपने उत्पाद में वृद्धि करेंगी। पेट्रोल बीते दो महीने में 9.30 फीसदी और डीजल 10 प्रतिशत से अधिक महंगा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये भी जरूरी समान की कीमत बढ़ाएंगे।

पेट्रोल-डीजल के दाम ने बढ़ाया बोझ

डीजल की दर पिछले छह महीने में 40 फीसदी तक बढ़ गई है। इसकी तुलना में माल ढुलाई की दरों में भी 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी है। डीजल के दाम बढ़ने से सिर्फ माल भाड़ा में ही इजाफा नहीं हुआ है बल्कि खेती की लागत भी बढ़ गई है। एक बीधा खेत की जुलाई 35 फीसदी तक महंगी हुई है। माल भाड़ा बढ़ने से सब्जियों से लेकर फल की कीमत में हाल के दिनों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डीजल की कीमत में असमान उछाल से यात्रा करना भी महंगा हुआ है।

टेम्पों और बस के भाड़े में 40 से 50 फीसदी की वृद्धि

टेम्पों और बस के भाड़े में 40 से 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दो महीने में देश में पेट्रोल नौ प्रतिशत और डीजल 10 प्रतिशत से अधिक महंगा हुआ है। इसका असर भी आने वाले दिनों में दिखाई देगा। जरूरी सामान की कीमतें इसके चलते बढ़ेंगी। पूर्व सांख्यिकीविद और आर्थिक मामलों के जानकार प्रणव सेन ने हिन्दुस्तान को बताया है कि डीजल के दाम बढ़ने के असर से खेतों से शहरों में और फिर लोगों के घरों तक पहुंचने वाली सब्जियों और दूसरे खाने-पीने की चीजों के दामों में इजाफा होना तय है। उनके मुताबिक डीजल के दाम 10 फीसदी बढ़ने पर महंगाई पर उसका असर 0.3 फीसदी आना तय होता है।

टीवी-एसी, फ्रीज फिर महंगे होंगे

कंपनियों का कहना है कि बीते छह महीने से कच्चे माल की कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके चलते उनकी उत्पादन लागत काफी बढ़ गई है। इस नुकसान को भरपाई के लिए कीमत बढ़ाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। कोरोना के बाद से स्टील, अल्युमिनियम, रबर, कॉपर, प्लास्टिक, रेयर मैटेरियल और अन्य कच्ची सामाग्रियों की कीमत में वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि पिछले छह महीनों में कई कंपनियों ने अपने उत्पाद के दाम 5 से 10 फीसदी तक बढ़ाए हैं। कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी के कारण होम अप्लायंसेज बनाने वाली कंपनियां अपने उत्पादों के दाम बढ़ा रही हैं।

जुलाई से इनकी कीमतें करीब 3-4 प्रतिशत बढ़ने की आशंका है। एक रिपोर्ट के अनुसार होम अप्लायंसेज सेक्टर की प्रमुख कंपनी बजाज इलेक्ट्रॉनिक जुलाई से अगस्त के दौरान अपने सभी प्रोडक्ट्स के दाम कम से कम 3 प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी में है। इसी तरह गोदरेज अप्लायंसेज भी दूसरी तिमाही में प्रोडक्ट्स के प्राइसेज दो बार में 7-8 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। ब्लू स्टार भी अपने उत्पाद की कीमत 1 सितंबर से 5-8 प्रतिशत तक बढ़ाने की तैयारी में है।

घर का बजट संभालना हुआ मुश्किल

देश के कई शहरों में गृहणियों ने हिन्दुस्तान को बताया कि घटी आय के बीच घर का बजट संभालना मुश्किल हो गया है। सब्जियों, खाद्य तेल, दालें, फल, रसोई गैस आदि की कीमतों में आसमान बढ़ोतरी बीते छह महीने में दर्ज की गई है, जिससे घर का बजट काफी बढ़ गया है। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर के कारण आय में और गिरावट आ गई है। ऐसे में घर का बजट संभालना मुश्किल हो रहा है।

महंगाई का दौर अभी नहीं थमेगा

देश में महंगाई इस साल के अंत तक सताने वाली है। विशेषज्ञों की राय में महंगाई इस साल के अंत तक घटनी शुरू होगी और सब ठीक रहा तो नए साल से स्थिति बेहतर होगी क्योंकि दूसरी लहर से मांग और आपूर्ति बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है।