किसानों के मुद्दे पर चर्चा कर सकती है ब्रिटेन की संसद, ई-याचिका पर 1 लाख से ज्यादा हस्ताक्षर
ब्रिटिश संसद की वेबसाइट पर दायर ई-याचिका पर अगर 10000 से ज्यादा हस्ताक्षर होते हैं तो सरकार के लिए आधिकारिक बयान देना जरूरी हो जाता है। जबकि याचिका पर एक लाख से ज्यादा हस्ताक्षर होने पर उस मुद्दे पर चर्चा के लिए विचार किया जाता है।
ब्रिटेन की संसद की याचिका समिति, भारत में कृषि कानून विरोधी किसानों के प्रदर्शन और प्रेस की आजादी पर हाउस आफ कामंस में चर्चा कराने पर विचार करेगी। दरअसल, इस सबंध में एक ऑनलाइन याचिका पर 1,06,000 से ज्यादा हस्ताक्षर किए गए हैं। यह चर्चा वेस्टमिंस्टर हॉल में हो सकती है।
ई-याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों की सूची में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम भी कथित तौर पर दिख रहा है, जो पश्चिम लंदन से संसद में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य की हैसियत से किए गए हैं। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास सह कार्यालय, 10 डाउनिंग स्ट्रीट ने बुधवार को इस बात से इन्कार किया कि जॉनसन ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें कि ब्रिटिश संसद की आधिकारिक याचिका वेबसाइट पर 'प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा और प्रेस स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार से आग्रह करें' नामक शीर्षक से याचिका लगाई गई है। इसमें ब्रिटिश सरकार से भारत में चल रहे किसान आंदोलन और प्रेस की आजादी पर सार्वजनिक बयान देने क अनुरोध किया गया है।
ब्रिटिश संसद की वेबसाइट पर अगर किसी ई-याचिका पर 10,000 से ज्यादा हस्ताक्षर प्राप्त होते हैं, तो ब्रिटेन की सरकार के लिए आधिकारिक बयान देना जरूरी हो जाता है। जबकि किसी याचिका पर एक लाख से ज्यादा हस्ताक्षर होते हैं तो उस मुद्दे पर चर्चा के लिए विचार किया जाता है। हाउस आफ कामंस के प्रवक्ता ने कहा कि याचिका पर सरकार की प्रतिक्रिया इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। साथ ही चर्चा कराए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।