गाजियाबाद : केस वापस न लेने पर यति नरसिंहानंद को हत्या की धमकी

धर्मांतरण गैंग से जुड़े सलीमुद्दीन व उसके शिष्य के साले कासिफ पर धमकी देने का आरोप गलत नाम बताकर डासना देवी मंदिर में घुसने पर गिरफ्तार हुए थे कासिफ व उसका बहनोई विपुल

गाजियाबाद : केस वापस न लेने पर यति नरसिंहानंद को हत्या की धमकी

विस्तार
डासना देवी मंदिर प्रकरण में गिरफ्तार विपुल विजयवर्गीय द्वारा महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को हत्या की धमकी देने का मामला सामने आया है। मंदिर के सेवादार का आरोप है कि विपुल ने कासिफ और सलीमुद्दीन को भेजकर धमकी दिलाई, जो कि विपुल का साला व गुरु हैं। दोनों ने केस वापस न लेने पर यति नरसिंहानंद सरस्वती व सेवादार अनिल यादव की हत्या करने की धमकी दी। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।


जिला बागपत के गांव कैतवा निवासी जयकुमार उर्फ सेवानंद मसूरी के डासना देवी मंदिर में सेवादार हैं। उनका कहना है कि मंगलवार रात करीब 9.40 बजे वह आश्रम में ही रहने वाले पंकज के साथ गाजियाबाद से डासना देवी मंदिर लौट रहे थे। हापुड़ चुंगी से ही दो व्यक्ति उनका पीछा करते आ रहे थे। डासना पेट्रोल पंप से पहले पुल से उतरते ही दोनों ने उन्हें रोक लिया।


एक ने अपना नाम डॉ. सलीमुद्दीन और दूसरे ने कासिफ बताया। उन्होंने गाली-गलौज करते हुए कहा कि विपुल विजयवर्गीय ने उन्हें भेजा है। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती और मुख्य सेवादार अनिल यादव विशेष धर्म समुदाय को गाली देते हैं। उन्हें बता देना कि अगर केस वापस नहीं लिया तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। धमकी देकर दोनों फरार हो गए।

गलत नाम बताकर मंदिर में घुसने पर जेल गए थे कासिफ व विपुल
 दो जून को नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता डासना देवी मंदिर में घुसे थे। शक होने पर पूछताछ की गई तो काशी गुप्ता नाम का व्यक्ति संजयनगर गाजियाबाद निवासी कासिफ निकला, जो विपुल का साला था। विपुल ने कासिफ की बहन से निकाह किया था। दोनों के पास से सर्जिकल ब्लेड बरामद हुए थे। महंत यति नरसिंहानंद ने दोनों पर हत्या के लिए आने का आरोप लगाया था। हालांकि, पुलिस ने दोनों को धोखाधड़ी में जेल भेजा था।

सलीमुद्दीन ने उकसाया था दोनों को
दोनों के रिमांड पर लेकर पुलिस के अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने भी पूछताछ की। इस दौरान सामने आया कि विजयनगर निवासी पैरा मेडिल इंस्टीट्यूट संचालक सलीमुद्दीन ने दोनों को उकसाकर मंदिर भेजा था। इसके बाद मसूरी पुलिस ने सलीमुद्दीन को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

सलीमुद्दीन से पूछताछ में मिला था धर्मांतरण गैंग का सुराग
रिमांड पर सलीमुद्दीन से पूछताछ में एटीएस को धर्मांतरण कराने वाले गैंग का सुराग लगा था। इसके बाद एटीएस ने जामिया नगर दिल्ली निवासी उमर गौतम समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस के मुताबिक दोनों आरोपी इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था से जुड़े थे और धन, शादी और रोजगार का लालच देकर एक हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं।

जेल से रिहा हो चुके हैं तीनों आरोपी
विपुल विजयवर्गीय के साथ-साथ सलीमुद्दीन और उसका साला कासिफ पिछले महीने जेल से रिहा हो चुके हैं। शुक्रवार को जिला न्यायालय में उनकी तारीख है। एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा का कहना है कि तहरीर के आधार पर विपुल विजयवर्गीय, सलीमुद्दीन और कासिफ के खिलाफ धमकी देने का केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।