ट्विटर पर भिड़े राहुल गांधी और शिवराज सिंह चौहान, वैक्सीन को लेकर एक-दूसरे पर लगाया आरोप

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी देश में जारी टीकों की किल्लत खत्म करें मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए बहाने न बनाएं। इसके जवाब में मध्य प्रदेश के सीएम ने राहुल पर गलतफहमी असमंजस और झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

ट्विटर पर भिड़े राहुल गांधी और शिवराज सिंह चौहान, वैक्सीन को लेकर एक-दूसरे पर लगाया आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना टीकों (वैक्सीन) की किल्लत खत्म करनी चाहिए और इस महत्वपूर्ण मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए बहाने नहीं बनाने चाहिए। पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन पर टीकों के बारे गलतफहमी, असमंजस और झूठ फैलाने का आरोप लगाया। राहुल ने ने 'मन की बात' हैशटैग इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया, 'काम की बात सिर्फ एक- वैक्सीन की कमी खत्म करो! बाकी सब ध्यान भटकाने के बहाने हैं।' उन्होंने लिखा, 'बस हर देशवासी तक वैक्सीन पहुंचा दो, फिर चाहे मन की बात भी सुना दो!'

जवाब में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'राहुल बाबा शर्म करो, वैक्सीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नहीं, तो क्या आप लगवा रहे हैं? प्रधानमंत्री जी देश के सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन लगवा रहे हैं और आप केवल भ्रम फैला रहे हो! आपने भ्रम फैलाया, झूठ बोला जिसके कारण कई लोगों ने वैक्सीन लगवाने से इन्कार किया।' मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बैतूल जिले के गांव डुलारिया में ग्रामवासियों से बात की जो भ्रम के कारण वैक्सीन नहीं लगवा रहे थे। उन्हें सरल शब्दों में समझाया और वहां गांव वालों ने वैक्सीन लगवानी शुरू कर दी।'

कृषि कानून विरोधियों के प्रदर्शन का राहुल ने किया समर्थन

नए कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए राहुल ने इंस्टाग्राम पर कहा, 'कृषि कानूनों के खिलाफ और अपनी आजीविका की रक्षा करने की मांग करने वालों के प्रदर्शन के 200 दिन से ज्यादा हो गए हैं। कृषि पर आय से ज्यादा कृषि पर खर्चे हो गए हैं। बड़ा संकट खड़ा होने के बावजूद सरकार की नीतियां उनकी चिंताओं का समाधान करने में विफल रही हैं।' उन्होंने करीब दो मिनट का एक वीडियो भी साझा किया जिसमें केरल में उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड के काफी उत्पादक किसान गहरे संकट में होने का दावा कर रहे हैं।