ड्रैगन मैन: 85 साल पुरानी खोपड़ी हो सकती है मानव जाति की नजदीकी पूर्वज, वैज्ञानिकों ने किया दावा

शोधकर्ताओं को उत्तर-पूर्व चीन में एक खोपड़ी मिली है, जो मानव जाति की नई प्रजाति हो सकती है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम होमो लोंगी या ड्रैगन मैन रखा है। 

ड्रैगन मैन: 85 साल पुरानी खोपड़ी हो सकती है मानव जाति की नजदीकी पूर्वज, वैज्ञानिकों ने किया दावा

विस्तार
वैज्ञानिकों ने मानव जाति को लेकर शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर पूर्व चीन में मिली खोपड़ी भी नई प्रजाति की हो सकती है। इसका नाम वैज्ञानिकों ने होमो लोंगी या ड्रैगन मैन रखा है। ऐसा दावा किया गया है कि इसकी वंशावली निएंडरथल को आधुनिक मानव के नजदीकी संबंधियों के पद से हटा सकती है। 


85 साल दबी रही खोपड़ी
ऐसा बताया गया है कि ये खोपड़ी 85 साल पहले खोज ली गई थी लेकिन इसे साल 2018 में फिर से खोज लिया गया है। हार्बिन क्रेनियम को 1930 के दशक में हेइलोगजियांग प्रांत के एक शहर में खोजा गया था। लेकिन बताया जाता है कि इसे एक जापानी सेना से बचाने के लिए एक कुएं में छिपा दिया गया था। यहां यह खोपड़ी 85 साल तक दबी रही। 


हमारी नजदीकी संबंधी हो सकती है खोपड़ी
इसके बाद 2018 में इसे निकालकर बेबेई जियो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी कियांग को सौंपा गया था। इस अध्ययन के सह लेखक और नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम लंदन के क्रिस स्ट्रिंगर ने बताया कि विश्लेषण से पता चला है कि हार्बिन समूह निएंडरथल के मुकाबले होमो सेपियन्स से ज्यादा नजदीकी से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि हार्बिन आधुनिक मानव के ज्यादा करीबी वंशज है ना कि निएंडरथल के। उन्होंने कहा कि अगर इसे अलग प्रजाति का दर्जा मिल गया तो यही हमारे सबसे नजदीकी संबंधी होंगे। 
कैसा था होमो लोंगी का सिर
द इनोवेशन जर्नल में यह अध्ययन तीन शोधपत्रों के रूप में प्रकाशित हुआ। यह खोपड़ी कम से कम 1.46 लाख साल पुरानी है। इसमें पाया जाने वाला मस्तिष्ट मनुष्य के आकार का हुआ करता था। लेकिन इसकी आंखों का गड्ढा ज्यादा बढ़ा था, भौहों का आकार चौड़ा, मुंह बड़ा और बड़े दांत थे। 

इस खोपड़ी का नाम लॉन्ग जियांग से लिया गया है, जिसका मतलब ड्रैगन रिवर होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि क्रेनियम खोपड़ी एक नर मानव की है, जिसकी उम्र करीब 50 साल होगी और ये शायद बाढ़ वाले इलाके के जंगली मैदान में रहा करता होगा। 

पूरे एशिया में फैले थे होमो लोंगी
स्ट्रिंगर का कहना है कि उस समय की जनसंख्या शिकारी-संग्रहकर्ता वाली रही होगी, जो जमीन पर रहते थे। हार्बिन में आज के शीतकालीन तापमान को देखकर लगता है कि इस मानव प्रजाति को निएंडरथल से भी ज्यादा ठंड सहन करनी पड़ती थी। ऐसा बताया जा रहा है कि ये होमो लोंगी पूरे एशिया में फैले थे और बहुत ही कठिन वातावरण में रहा करते थे। 

शोधकर्ताओं ने पहले क्रेनियम की बाहरी आकृति का अध्ययन 600 से ज्यादा गुणों के आधार पर किया और उसके बाद कंप्यूटर मॉडल में लाखों सिम्यूेलशल चलाए, जिससे वो अन्य जीवाश्म में उसके संबंधों को वंश वृक्ष बना सकें। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर होमोसेपियन्स पूर्व एशिया तक पहुंचे थे, तब होमो लोंगी उस समय वहां मौजूद थे, तो उनमें आपस में मिश्रण हो सकता है, हालांकि ये अभी भी स्पष्ट नहीं है।