दिल्ली : कोवाक्सिन की एक डोज ले चुके लोगों को ही लगेगी दूसरी डोज
दिल्ली सरकार को मई में वैक्सीन की केवल 1.5 लाख डोज मिली थी और केंद्र के निर्देशों के कारण दूसरे डोज के लिए कोई स्टॉक अलग नहीं रखा गया था, यह सब 18-44 आयु वर्ग के 1.5 लाख लोगों को पहली डोज प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि जिन लोगों को तय समय में दूसरी डोज नहीं मिली तो क्या उन्हें पुन: दोनों डोज लगवानी पड़ेगी या नहीं। वहीं सरकार ने अदालत को बताया कि कोवाक्सिन की एक डोज ले चुके 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों को कोवैक्सीन उपलब्ध होते हुए सर्वप्रथम दूसरी डोज प्रदान की जाएगी।
दिल्ली सरकार ने कहा कि इस संबंध में सभी सरकारी सेंटरों, निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को आदेश जारी कर दिया गया है। केंद्र व दिल्ली सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए 6 जून को दिल्ली को कोवाक्सिन की 400 शीशियों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली कोवाक्सिन की दूसरी डोज लगाने के लिए दायर तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने केंद्र व दिल्ली सरकार द्वारा कोवाक्सिन की कमी के मुद्दे पर सक्रियता से ध्यान देने पर खुशी जताते हुए कहा कि जिन लोगों ने कोवाक्सिन की पहली डोज ले रखी है उन्हें इससे राहत मिलेगी।
दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया गया कि मुख्य सचिव ने 6 जून को इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने निर्देश दिया है कि कोवाक्सिन का उपयोग केवल उन लोगों (आयु वर्ग के 18-44 वर्ष) को टीकाकरण के लिए किया जाएगा जो जून माह में टीकाकरण की दूसरी डोज के लिए पात्र हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी 3 जून को इसी तरह का निर्देश जारी किया था।
इस मामले में अधिवक्ता कुशाल कुमार, मानसी शर्मा, सहरावत त्रिपाठी, आशीष विरमानी ने याचिका दायर कर तय समय में दूसरी डोज लगाने का मुद्दा उठाया था। एक वकील ने तो मेरठ जाकर कोवाक्सिन लगवाई। उन्होंने यह भी मुद्दा उठाया कि जिन लोगों को पहली डोज लगवाए छह सप्ताह से ज्यादा समय हो गया लेकिन कोवाक्सिन का स्लॉट नहीं मिला तो पूरी कवायद व्यर्थ हो जाएगी। क्या उन्हें पुन: दोनों डोज लेनी पड़ेंगी। दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि वे इस मुद्दे पर संबंधित विभाग से निर्देश लेकर अदालत के समक्ष पक्ष रखेंगे। अदालत ने मामले की सुनवाई 11 जून तय की है।
अदालत ने दिल्ली सरकार के अधिवक्ता अनुज अग्रवाल और केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता अनुराग अहलूवालिया से इस मुद्दे की जांच करने को कहा कि क्या दूसरी डोज टीकाकरण के लिए खोले जा रहे स्लॉट को बढ़ाया जा सकता है। अदालत ने कहा वे डाटा बैंक का उपयोग कर और उन व्यक्तियों को संदेश देने के मुद्दे की जांच करें जिनकी दूसरी डोज 14 जून से पहले देय है।
चार जून को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने वैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक के आश्वासन के आधार पर कोवाक्सिन के साथ लोगों को टीका लगाने की तैयारी की थी। कंपनी ने कहा था कि राजधानी को मई में 5 लाख और जून में चार बार डोज यानि 20 लाख मिलनी थी।
दिल्ली सरकार को मई में वैक्सीन की केवल 1.5 लाख डोज मिली थी और केंद्र के निर्देशों के कारण दूसरे डोज के लिए कोई स्टॉक अलग नहीं रखा गया था, यह सब 18-44 आयु वर्ग के 1.5 लाख लोगों को पहली डोज प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।