दिल्ली: अस्पतालों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों से भर्ती के दौरान पॉजिटिव जांच रिपोर्ट न मांगने का निर्देश
हाईकोर्ट ने राजधानी के सभी अस्पतालों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के दौरान कोरोना की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट न मांगने का निर्देश दिया है।
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हाईकोर्ट ने राजधानी के सभी अस्पतालों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के दौरान कोरोना की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट न मांगने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार द्वारा जारी सर्कुलर का पालन करने का निर्देश दिया है। वहीं अदालत ने संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार को कोरोना जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने व उसी अनुसार सभी लैब की क्षमता भी बढ़ाने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि 23 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने सर्कुलर जारी कर सभी अस्पतालों को सभी मरीजों को भर्ती करने व उनसे कोरोना पोजिटिव रिपोर्ट न मांगने को कहा था। अदालत ने सरकार को भी अपने सर्कुलर का व्यापक स्तर पर प्राचार-प्रसार करने को कहा है।
अदालत ने अधिवक्ता जयदीप अहुजा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। याचिका में दिल्ली सरकार से सभी अस्पतालों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले रोगियों को भर्ती करते समय कोरोना की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट मांगने न मांगने का निर्देश देने का आग्रह करते हुए बताया कि इससे मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस तरह का आदेश जारी किया है, जिसके तहत मरीजों को भर्ती करते समय अस्पतालों को आरटी-पीसीआर पॉजिटिव जांच रिपोर्ट मांग पर ज्यादा जोर नहीं देने को कहा गया है।
दिल्ली सरकार ने न्यायालय को बताया कि उसके स्वास्थ्य विभाग ने 23 अप्रैल को सर्कुलर जारी सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों वाले रोगियों को भर्ती करते समय इसकी पॉजिटिव जांच रिपोर्ट की मांग पर नहीं अड़ें। सरकार ने कहा कि ऐसे मरीजों को संदिग्ध मानकर अस्पताल के एक अलग जगह पर भर्ती करने का निर्देश दिया गया है।
संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए कोरोना जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए
हाईकोर्ट ने राजधानी में प्रति दिन करीब 24 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार को कोरोना जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने व उसी अनुसार सभी लैब की क्षमता भी बढ़ाने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि संसाधन को बढ़ाएं ताकि सैंपल एकत्रित करने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके और लोगों को परेशानी न हो। खंडपीठ ने यह निर्देश कुछ वकीलों द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें उन्होंने तर्क रखा था कि कोरोना रिपोर्ट लेने में भी परेशानी हो रही है जबकि दिनोंदिन कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
याची ने कहा कि लैब द्वारा कहा जा रहा है कि वे दो से तीन दिन बाद सैंपल एकत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर दिन 60 हजार के करीब सैंपल लिए जा रहे हैं, जबकि इससे पहले एक लाख सैंपल लिए जाते थे।
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