दिवाली तक सोना दे सकता है मोटा मुनाफा, अभी 9000 रुपए है सस्ता अपने ऑल टाइम हाई से
घरेलू सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। सोने के दाम में थोड़ी सी उछाल के बाद फिर कम हो गए हैं और एमसीएक्स पर सोने का वायदा भाव गिरकर 47,526 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सोने का भाव 46,500 के ऊपर बना हुआ है, हर गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए। दिवाली तक सोना 52,500 तक जा सकता है। यानी निवेश पर उम्दा रिटर्न मिलने की पूरी संभावना है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी ) अनुज गुप्ता ने बताया कि सोने के भाव गिरने में अंतर राष्ट्रीय और घरेलू दोनों कारक जिम्मेदार हैं। आम तौर पर जुलाई के महीने में सर्राफा बाजार में सुस्ती नजर आती है क्योंकि इस महीने भारत में शादी-ब्याह का सीजन नहीं रहता है। यही वजह है कि सोने की मांग घटती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब तक सोना 1750 डॉलर प्रति औंस से ऊपर ट्रेड कर रहा है तब तक इसमें बना रहना चाहिए।
इस साल अभी तक मिला निगेटिव रिटर्न
सोने ने इस साल अभी तक निवेशकों को निगेटिव रिटर्न दिया है। सोने में निवेशकों को दो फीसदी से अधिक का निगेटिव रिटर्न मिला है। वहीं, 2020 में सोने ने 25 फीसदी का बंपर रिटर्न निवेशकों को दिया था। ऐसे में विशेषज्ञ उम्मीद लगा रहे हैं कि त्योहारी सीजन में तेजी आने की पूरी उम्मीद है। इस दौरान निवेशकों को अच्छी कमाई हो सकती है।
उच्चतम मूल्य से 9000 रुपए तक गिरा
भारतीय बाजारों में सोने की कीमत अपने उच्चतम मूल्य से 9000 रुपए तक गिर गया। सोने की कीमत अगस्त 2020 के मुकाबले 9000 रुपए तक गिरकर 47526रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बीते साल सोना का भाव 56,200 हजार प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था।
चांदी उच्चतम स्तर से 12930 रुपये कम
चांदी का अबतक का उच्चतम स्तर 79,980 रुपये प्रति किलो है। इस हिसाब से चांदी भी अपने उच्चतम स्तर से करीब 12930 रुपये सस्ती है।
सोने का आयात कई गुना बढ़ा
देश के चालू खाता घाटे पर असर डालने वाला सोने का आयात अप्रैल-जून 2021 की तिमाही के दौरान कई गुना बढ़कर 7.9 अरब डॉलर (58,572.99 करोड़ रुपये) हो गया। यह उछाल तुलना के निम्न आधार के कारण है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष कोराना वायरस के प्रकोप और सख्त लाक डाउन के चलते इसी अवधि में सोने का आयात 68.8 करोड़ डॉलर (5,208.41 करोड़ रुपये) तक गिर गया था।हालांकि अप्रैल-जून 2021 तिमाही में चांदी का आयात 93.7 प्रतिशत घटकर 3.94 करोड़ डॉलर रहा। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान सोने के आयात में इतनी वृद्धि से देश का व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच अंतर बढ़कर लगभग 31 अरब डॉलर हो गया है।
सालाना 800-900 टन सोने का आयात
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है और देश में सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरी करने के लिए किया जाता है। भारत वार्षिक रूप से 800-900 टन सोने का आयात करता है। मौजूदा चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान रत्न और आभूषण का निर्यात बढ़कर 9.1 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 2.7 अरब डॉलर था।
भारतीय बाजार में सोने के भाव में मजबूत सपोर्ट लेवल 46,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है। जब तक यह लेवल सोने में नहीं टूटता है निवेशकों को घबराने की जरूरत है। छोटी अवधि में सोना 48,500 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच सकता है। वहीं, दिवाली तक सोने का भाव 52,500 तक जा सकता है। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में सोने की कीमत में तेजी आएगी, ऐसे में ये आपके पास निवेश का अच्छा मौका है।