फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ने द‍िया था डाटा, पुल‍िस ने ब‍िछाया जाल

सूत्रों के अनुसार जैसे ही कोई डॉक्टर अपनी एमबीबीएस की डिग्री पर प्रोफेशन लोन के लिए आवेदन करता फाइनेंस कंपनी का जालसाज अधिकारी गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को डॉक्टरों का डाटा दे देता था।

फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ने द‍िया था डाटा, पुल‍िस ने ब‍िछाया जाल

डॉक्टरों की डिग्री पर ग्रहण लगाकर करोड़ों रुपये का लोन लेने वाले जालसाज गिरोह के सरगना फाइनेंस कंपनी के अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए हजरतगंज पुलिस और साइबर क्राइम सेल तानाबाना बुन रही है। बीते दिनों पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के दौरान पुलिस को फाइनेंस कंपनी के एक बड़े अधिकारी (कई जिलों के प्रभारी) का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस अब उस जलासाज अधिकारी की कुंडलीमुहैया कराता था गिरोह के सदस्यों को डॉक्टरों का डाटा

साइबर क्राइम सेल के सूत्रों के अनुसार फाइनेंस कंपनी का जालसाज अधिकारी, सेल्स एक्जीक्यूटिव और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को डॉक्टरों का डाटा देता था। जैसे ही कोई डॉक्टर अपनी एमबीबीएस की डिग्री पर डॉक्टर प्रोफेशन लोन के लिए आवेदन करता। वह अधिकारी उसकी लीड गिरोह के लोगों को दे देता था। लीड मिलते ही गिरोह के लोग डॉक्टर के पास जाते उन्हें स्कीम बताते। उनसे डिग्री और उससे संबंधित दस्तावेज लेते। उसके बाद डॉक्टर के नाम से ही फर्जी बैंक खाता खोला जाता। लोन के आवेदन होता था। वहीं, डॉक्टर से दस्तावेज लेने के बाद उनसे कहते थे कि कुछ कागज अधूरे हैं। उन्हें भी आप तैयार कर लें। डॉक्टर जबतक वह दस्तावेज तैयार कराते तबतक जालसाज उनके द्वारा पहले दिए गए दस्तावेजों के आधार पर फर्जी खाते पर लोन ले लेते। लोन का रुपया खाते से निकाल कर गिरोह के लोग बांट लेते थे।

साइबर क्राइम सेल ने शनिवार देर शाम डॉक्टरों की डिग्री के आधार पर करोड़ों का लोन लेकर रुपये हड़पने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन राय ने बताया कि पकड़े गए जालसाजों में रितेश शुक्ला निवासी ओमैक्स सिटी, खरगापुर अवधपुरी निवासी इशान शर्मा, बाराबंकी का अभिमन्यु राय, मोहित कुमार वर्मा, और महेंद्र पांडेय उर्फ मुन्ना था। रितेश और इशान बजाज फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी हैं। मामले की जानकारी होने पर कंपनी के एक अधिकारी ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। गिरोह के जालसाजों ने शहर के दो डॉक्टरों के नाम से 30 और 35 लाख का लोन लिया था। यह दो मामले अभी संज्ञान में आए हैं। जानकारी में आया है कि कई डॉक्टरों के नाम पर गिरोह के सदस्य करीब तीन से चार करोड़ का लोन ले चुके हैं।