बिहार पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, गंडक के बाद खतरे के निशान पर पहुंची कमला, जानें किस नदी का क्या है हाल

बिहार पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, गंडक के बाद खतरे के निशान पर पहुंची कमला, जानें किस नदी का क्या है हाल

बिहार की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, गंडक को छोड़ दें तो कोई नदी अभी सीमा नहीं लांघ सकी है। लेकिन गंडक शुक्रवार को भी डुमरिया घाट में लाल निशान से 128 सेमी ऊपर बह रही है। यह स्थिति तब है जब इसके डिस्चार्ज में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कोसी नदी बिहार में अपनी सीमा में है लेकिन वीरपुर में लाल निशान से ऊपर बह रही है। 

गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद भी नदी लाल निशान से काफी नीचे है। राज्य में शुक्रवार को गंडक नदी का डिस्चार्ज वाल्मिीकीनगर बराज पर लगभग डेढ़ लाख घनसेक था। दो दिन पहले यहां चार लाख घनसेक तक पानी छोड़ा जा रहा था। लेकिन बराज पर इस अंतर का प्रभाव गांवों में दिखने में 24 से 48 घंटे तक का समय लग सकता है।

गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। लेकिन यह नदी लाल निशान से इतनी ज्यादा नीचे है कि अभी कोई परेशानी नहीं है। बक्सर में यह नदी शुक्रवार को 98 सेमी ऊपर चढ़ी इसके बावजूद वहां नौ मीटर लाल निशान से नीचे है। पटना के दीघा में 63 सेमी ऊपर चढ़कर भी गंगा लगभग साढ़े चार मीटर नीचे बह रही है। गांधी घाट में भी 54 सेमी ऊपर चढ़ी गंगा शुक्रवार को तीन मीटर नीचे बह रही है।

गंडक के बाद राज्य में कमला नदी खतरे का संकेत दे रही है। यह नदी दो दिन से लाल निशान के करीब पहुंचती जा रही है। शुक्रवार को जयनगर में इसके जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन अब भी यह मात्र 35 सेमी लाल निशान से नीचे है। झंझारपुर में भी लाल निशान से मात्र 45 सेमी नीचे है। बूढी गंडक खगड़िया से लेकर मुजफ्फरपुर तक लाल निशान से काफी नीचे है। पुनपुन के जलस्तर में थोड़ी वृद्धि हुई लेकिन वह भी अभी खतरे के संकेत से बहुत दूर है।