बिहार: सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन, 10 दिन पहले हुआ था कोरोना संक्रमण

बता दें कि शहाबुद्दीन कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था।

बिहार: सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन, 10 दिन पहले हुआ था कोरोना संक्रमण

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देश में कोरोना का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। रोजाना कोई न कोई शख्स इस खतरनाक वायरस का शिकार बन रहा है। इसी कड़ी में बिहार के सिवान जिले के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम भी जुड़ गया। आज (1 मई) दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि शहाबुद्दीन कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। तिहाड़ के डीजी ने इसकी पुष्टि की है। 


जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की शनिवार को दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। महानिदेशक (कारा) संदीप गोयल ने बताया कि दिल्ली जेल के कैदी मोहम्मद शहाबुद्दीन की मृत्यु के बारे में डीडीयू अस्पताल से सूचना मिली है। शहाबुद्दीन कोविड-19 से संक्रमित था और 20 अप्रैल को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कारागार अधिकारियों ने बताया कि शहाबुद्दीन को दो-तीन दिन पहले अस्पताल के सघन निगरानी कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था।

 

20 अप्रैल को हुई थी कोरोना संक्रमण की पुष्टि
तिहाड़ जेल प्रशासन को बिहार के बाहुबली और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने का पता तब लगा, जब 20 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। बीमारी के लक्षणों को देखते हुए कोरोना संक्रमण की जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही शहाबुद्दीन को तुरंत तिहाड़ जेल के चिकित्सकों की निगरानी में दे दिया गया। इसके बाद भी शहाबुद्दीन की हालत नहीं सुधरी और उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। शुक्रवार से ही शहाबुद्दीन की तबीयत और बिगड़ने लगी। शनिवार को इलाज के दौरान ही शहाबुद्दीन की मौत हो गई।
बाहुबली शहाबुद्दीन और तेजाब कांड 
साल 2004 में पेशे से व्यवसायी चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का बदमाशों ने अपहरण कर लिया। बदमाशों ने गिरीश और सतीश को तेजाब से नहला कर मार दिया था। जबकि इस मामले में चश्मदीद राजीव किसी तरह बदमाशों की गिरफ्त से अपनी जान बचाकर भाग निकला। बाद में चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन के खिलाफ मामला दर्ज कराया। राजीव अपने भाइयों की तेजाब डालकर हुई हत्या के मामले में गवाह बना। लेकिन 2015 में शहर के डीएवी मोड़ पर उसकी भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के महज 18 दिन पहले ही राजीव की शादी हुई थी। इस घटना के बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया था। राजीव की हत्या के लिए के लिए शहाबुद्दीन और उसके बेटे पर मामला दर्ज कराया गया।

फिर हुई शाहबुद्दीन की गिरफ्तारी
वर्ष 2004 में तेजाब कांड के नाम से मशहूर सनसनीखेज हत्याकांड में शहाबुद्दीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया पर गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन 2005 में जब नीतीश कुमार की सरकार आ गई, तब शहाबुद्दीन पर शिकंजा कसा गया। उसी साल शहाबुद्दीन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। तभी से शहाबुद्दीन को कड़ी निगरानी के बीच जेल में रखा गया।

शहाबुद्दीन को निचली अदालत ने इस बीच कई मामलों में सजा सुनाई। उनके खिलाफ 39 हत्या और अपहरण के मामले थे। 38 मामलों में शाहबुद्दीन को जमानत मिल चुकी थी। 39वां केस राजीव का था, जो अपने दो सगे भाइयों की हत्या का चश्मद्दीद गवाह था। लेकिन 2014 में उसकी हत्या के साथ ही शहाबुद्दीन की जमानत का रास्ता साफ हो गया था और आखिरकार 11 साल बाद शहाबुद्दीन जमानत पर बाहर आ गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी थी। तब से वह जेल में था। 16 दिसंबर 2020 को चंदा बाबू की भी मौत हो गई।