यूपी : प्रदेश में शुरू हुआ घर-घर दवा वितरण अभियान, प्रदेश में बांटी जाएगी 50 लाख मेडिकल किट
प्रदेश में कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए हर स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है।
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प्रदेश में कोरोनावायरस की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए रविवार से सभी जिलों में घर-घर दवा वितरण अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत बच्चों एवं किशोरों को करीब 50 लाख मेडिकल किट दी जाएगी। इसमें करीब 75 हजार निगरानी समितियों की मदद ली जा रही है। इन समितियों के जरिए लक्षण युक्त बच्चों की पहचान का काम भी शुरू कर दिया गया है।
प्रदेश में कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए हर स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। एक तरफ दवा वितरण किया जा रहा है तो दूसरी तरफ स्वच्छता अभियान। इसी तरह प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है।
महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ डीएस नेगी ने बताया कि मेडिकल किट के वितरण के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेडिकल किट को बच्चों व किशोरों को उनकी उम्र के अनुसार अलग-अलग चार वर्गों में विभाजित किया गया है। नवजात शिशु से लेकर एक साल तक और एक से पांच वर्ष की उम्र के बच्चों की मेडिकल किट में पैरासिटामोल सीरप की दो शीशी, मल्टी विटामिन सीरप की एक शीशी और दो पैकेट ओआरएस घोल रखा गया है।
छह से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों और 13 से 17 वर्ष की उम्र के किशोरों की मेडिकल किट में पैरासिटामोल की आठ टैबलेट, मल्टी विटामिन की सात टैबलेट, आइवरमेक्टिन छह मिली ग्राम की तीन गोली और दो पैकेट ओआरएस घोल रखा गया है। मेडिकल-किट में उपलब्ध दवा कोविड-19 के लक्षणों से बचाव के साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों का मौसमी बीमारियों से भी बचाएंगी।
प्रो-एक्टिव नीति के तहत प्रदेश में किया जा रहा काम
प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है। पीडियाट्रिक विशेषज्ञ, नर्सिंग स्टाफ अथवा टेक्निशियन की जरूरत के अनुसार जिलावार स्थिति का आकलन करते हुए पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था युद्धस्तर पर कराई जा रही है।
अस्पतालों में बाइपैप मशीन, मोबाइल एक्स-रे मशीन समेत जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि प्रदेश में डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के पहले चरण का प्रशिक्षण का कार्य पूरा हो गया है। इनके जरिए अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।