यूपी : विकास योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं सरकारी विभाग, बजट पर कुंडली मारकर बैठ गए 17 महकमे

19 जुलाई तक बजट प्रावधान के सापेक्ष जारी वित्तीय स्वीकृतियों से खुलासा हुआ है कि पूंजीगत मद में केवल 18.7 फीसदी बजट ही जारी हो सका है। डेढ़ दर्जन विभागों का खर्च 20 फीसदी से भी कम है, लेकिन इनमें पांच विभागों ने तो एक पाई भी जारी नहीं किया।

यूपी : विकास योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं सरकारी विभाग, बजट पर कुंडली मारकर बैठ गए 17 महकमे

विस्तार
प्रदेश सरकार का विधानसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा निर्माण परियोजनाओं को पूरा कर जनता के बीच लोकार्पित करने पर फोकस है। पर, सरकारी मशीनरी विकास योजनाओं के मद में खर्च होने वाली राशि पर कुंडली मारे बैठी है। 19 जुलाई तक बजट प्रावधान के सापेक्ष जारी वित्तीय स्वीकृतियों से खुलासा हुआ है कि पूंजीगत मद में केवल 18.7 फीसदी बजट ही जारी हो सका है। डेढ़ दर्जन विभागों का खर्च 20 फीसदी से भी कम है, लेकिन इनमें पांच विभागों ने तो एक पाई भी जारी नहीं किया।


वित्त वर्ष 2021-22 के वार्षिक बजट में 5,81,552.05 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। सूत्रों ने बताया कि 19 जुलाई को उच्च स्तर पर सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बजट प्रावधान के सापेक्ष 3,33,105.98 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां जारी हुई हैं। यह कुल बजट प्रावधान का 57.3 प्रतिशत है। इस तरह मात्र साढ़े तीन महीने में आधे से अधिक वित्तीय स्वीकृति से सरकार खुश हो सकती थी। मगर, जब विकास योजनाओं पर खर्च होने वाले पूंजीगत मद के लिए प्रावधानित बजट व उसके सापेक्ष स्वीकृतियों की समीक्षा की गई तो पूरी उलटी तस्वीर सामने आई।


रिपोर्ट के मुताबिक योजनाओं के लिए पूंजीगत मद में 1,37,692.32 करोड़ का बजट प्रवधान है। पर, इसी अवधि में सिर्फ 25,814 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां ही जारी की जा सकी हैं। यह पूंजीगत मद के बजट प्रावधान का केवल 18.7 प्रतिशत है। शासन ने कम स्वीकृतियां जारी करने वाले 17 विभागों को खास तौर से चिह्नित किया है। इनके बारे में विस्तार से रिपोर्ट दी गई है। इनमें पंचायतीराज, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, बाल विकास एवं पुष्टाहार, पशुपालन व आयुष विभाग ने रिपोर्ट सौंपने तक एक पाई की भी वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की थी।
पूंजीगत मद में सबसे कम खर्च करने वाले प्रमुख 17 विभाग 
पंचायतीराज    शून्य
नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन    शून्य
बाल विकास एवं पुष्टाहार    शून्य        
पशुपालन    शून्य                
आयुष विभाग    शून्य
आवास एवं शहरी नियोजन    0.05
बेसिक शिक्षा    1.31             
कृषि    1.57
नगर विकास    2.00
नियोजन    2.25
न्याय    4.34
राजस्व    4.75
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम    6.81
माध्यमिक शिक्षा    7.26
लोक निर्माण    12.85
ऊर्जा    18.44
ग्राम्य विकास    19.95

नोट- आंकड़े प्रतिशत में हैं।

प्राथमिकता पर स्वीकृतियां जारी करें विभाग : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट के सापेक्ष आवश्यक स्वीकृतियां प्राथमिकता पर जारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने शासन के अधिकारियों से कहा है कि वे पूंजीगत मद से जुड़ी स्वीकृतियां प्राथमिकता पर स्वीकृत कर खर्च कराएं। उन्होंने विभागाध्यक्षों से कहा है कि वे शासन स्तर से जारी स्वीकृतियों के सापेक्ष शत-प्रतिशत आवंटन सुनिश्चित करें, जिससे खर्च समय से हो सके। उन्होंने कहा है कि जिन विभागों के प्रस्ताव वित्त विभाग में लंबित हैं, ऐसे विभागों द्वारा वित्त विभाग के साथ बैठक कर स्वीकृतियां जारी कराने की कार्यवाही कराई जाए।

6 महीने में पूरे होने वाले कार्यों की पहचान के लिए समिति गठित
मुख्यमंत्री ने ऐसे कार्यों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है जो कम समय (अगले छह महीने में) व कम राशि लगाकर पूर्ण कराए जा सकते हैं। यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इसमें अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव वित्त शामिल किए गए हैं। यह समिति मुख्यमंत्री को इसी महीने अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। विभागों से कहा गया है कि वे लोकार्पण कराने वाले कार्यों की सूची भी तैयार कर लें।