स्कूलों में क्यान मशीन से हल होगी पढ़ाई की हर मुश्किल, चॉक-डस्टर का भी झंझट खत्म
कानपुर में जिज्ञासा संस्था की ओर से पांच परिषदीय विद्यालयों व डायट को क्यान मशीन सौंपी है। इसमें प्रोजेक्टर से लेकर डिजीटल बोर्ड भी है। इससे बच्चों को पढ़ाना आसान होने के साथ उन्हें समझाने में भी सुविधा होगी।
परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की अब पढ़ाई से संबंधित हर मुश्किल पल भर में खत्म होगी। बच्चे अब क्यान मशीन से पढ़ाई कर सकेंगे और सबसे खास बात यह है कि जो वह दीवार पर बिना चाक और डस्टर की मदद से लिखेंगे वह भी मशीन में सामने पढ़ सकेंगे।
जिज्ञासा संस्था की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर पांच स्कूलों और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में यह मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। तमाम आधुनिक खूबियों वाली एक मशीन की कीमत डेढ़ से दो लाख रुपये के बीच है। बीएसए डॉ.पवन तिवारी ने कहा कि स्कूलों में जो ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी, उसमें यह मशीन बेहद मददगार साबित होगी। वहीं जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान में जो प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं, उसके लिए क्यान मशीन की मदद ली जा सकेगी।
प्रोजेक्टर से लेकर डिजीटल बोर्ड
बेसिक शिक्षा विभाग में स्टेट रिसोर्स ग्रुप मेंबर राजेश यादव ने बताया कि क्यान मशीन में प्रोजेक्टर से लेकर डिजीटल बोर्ड, साउंड सिस्टम, सीपीयू समेत कई अन्य उपकरण लगे हुए हैं। इसे बच्चे व शिक्षक आसानी से संचालित करा सकते हैं।
पाठ्यक्रम भी है मौजूद
इस मशीन में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक का पूरा पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इसके अलावा बच्चों की पाठ्य सामग्री से जुड़े वीडियो, ऑडियो समेत कई अन्य रोचक जानकारियां भी हैं। जिसे बच्चे अपनी पढ़ाई के दौरान उपयोग कर सकते हैं।