कर्मचारियों की निगरानी से लेकर छंटनी का काम एआई के हवाले, 2025 तक मिलेंगी 10 करोड़ नई नौकरियां, जबकि आठ करोड़ लोगों से छिनेंगी
ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई की वजह से नौकरियां कम होने की आशंका काफी पहले से जताई जा रही थी। अब कंपनियां एआई का उपयोग गोदामों में श्रमिकों, ड्राइवरों ओर कर्मचारियों के प्रदर्शन की निगरानी के लिए कर रही है। दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉर्मस अमेजन ने मानव-संसाधन संचालन को एआई के हवाले करना शुरू कर दिया है। अमेजन के कर्मचारियों को नौकरी से हटाए जाने की सूचना मानव संसाधन विभाग की बजाय एआई भेज रहे हैं। ऐसे में एआई को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है कि यह करोड़ों नौकरियां छीनेगा। हालांकि, इसके लाभ को लेकर भी दलील कमजोर नहीं है।
श्रम प्रधान क्षेत्रों पर पड़ रही मार
अमेजन ने पांच साल पहले से एआई का इस्तेमाल बढ़ाने की योजना बनाई थी जिसे अब वह लागू कर रही है। हाल ही अमेजन की डिलीवरी से जुड़े कई ड्राइवरों को हटाए जाने की सूचना उन्हें एआई के जरिये मोबाइल पर मिली। इसमें उन्हें बताया गया कि उनका काम संतोषजनक नहीं है, जिसकी वजह से हटाया जा रहा है। ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिए एआई का इस्तेमाल बढ़ा है।
एआई से घट रही लागत
अमेजन का कहना है कि एआई से कंपनी को लागत घटाने और काम को बेहतर तरीके से प्रबंधन करने में मदद मिल रही है। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि बेहतर काम करने के बाद उनको मशीन के जरिये बाहर निकाला जा रहा है। दुनियाभर में अमेजन के साथ जुड़े कर्मचारी अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई मानव संसाधन क्षेत्र में नौकरी के अवसर घटा सकता है।
छंटनी से ज्यादा नौकरियां देगा एआई
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के मुताबिक दुनिया में ऑटोमेशन बहुत तेजी से बढ़ा है और कोरोना ने इसकी गति और बढ़ा दी है जिससे 2025 तक भारत, अमेरिका, चीन जैसे 26 देशों में आठ करोड़ से ज्यादा नौकरियां जा सकती हैं, लेकिन एआई जितनी नौकरियां लेगा उससे अधिक वह देगा। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की रिपोर्ट की मानें तो इसी ऑटोमेशन के चलते 2025 तक करीब 10 करोड़ नौकरियों के अवसर बनेंगे।
कौशल सुधारने से बचेगी नौकरी
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई और कोरोना ने काम करने का तरीका बदल दिया है। यानी, अब आपको नौकरी के लिए खुद को री-स्किल्ड करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे सेक्टर सामने आने वाले हैं, जिनके लिए अलग-अलग कौशल (स्किल) वाले लोगों की जरूरत होगी। कंपनियां डिजिटल पर ज्यादा जोर देंगी। ऑफिस से काम करने का चलन कम होगा। अगर आपने इन नई जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल लिया, तो छंटनी की संभावना तो कम होने के साथ नए अवसर भी बनेंगे।