पहल : अब कोविड सुरक्षा कवच से लैस होंगे टैक्सी ड्राइवर, कम होगा संक्रमण का खतरा
ड्राइवर की मौत पर परिजनों को 75 हजार रुपए देगी टैक्सी संचालन करने वाली कंपनी
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एयरपोर्ट, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों से आपको घर तक पहुंचाने वाला टैक्सी ड्राइवर भी अब वैक्सीनेटेड होगा। उसके वाहन में बैठने पर संक्रमित होने का खतरा भी कम रहेगा। इसे लेकर कॉमर्शियल निजी कंपनियों ने ड्राइवरों को टीका दिलवाने का अभियान शुरू किया है।
कोविड काल में जहां सार्वजनिक वाहनों से लोग दूरी बनाए हुए है तो वहीं कॉमर्शियल वाहनों में बैठने से कतरा रहे है। दरअसल सभी को यह डर है कि कही कोरोना का संक्रमण संचालकों से नहीं फैले। इस वजह से शहर में निजी वाहनों की संख्या भी इनदिनों बढ़ी हुई है। संक्रमण काल में दिल्ली में जबरदस्त ट्रैफिक जाम की भी समस्या हो रही है।
मेट्रो सिटी की इस समस्या को देखते हुए उबर कंपनी ने अभी तक 35 हजार से अधिक अपने ड्राइवरों को वैक्सीन लगाने में सफलता प्राप्त कर ली है। इस साल के अंत तक सभी को वैक्सनी लगाने के लिए उबर ने साढ़े अठारह हजार करोड़ रुपया का फंड भी लगाने का निर्णय लिया है। इसमें ऑटो, टैक्सी और मोटा ड्राइवर को भी वैक्सीन लगवाया गया है।
उबर इंडिया साउथ एशिया के अध्यक्ष प्रभजीत सिंह ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण सबसे अच्छा बचाव है। राइडर्स और ड्राइवरों को संक्रमणमुक्त यात्रा करवाने की पहल कर रहे है। जल्द ही ऐसा भी प्रावधान किया जाएगा जिससे एप के माध्यम से लोगों को पता चल जाए कि उनका टैक्सी ड्रइावर पूरे तरह से कोविड से सुरक्षित है।
इस कड़ी में लगातार वाहनों को सेनेटाइज करने का भी निर्देश दिया गया है। ड्राइवरों को संदेश के माध्यम से, चिकित्सा विशेषज्ञों के माध्यम से टीका लगावाने केलिए प्रेरित कराया जा रहा है। ताकि उनके अंदर से किसी तरह के भ्रम को दूर किया जा सके। महामारी से निपटने में सरकार के साथ सहयोग किया जा रहा है।
दिल्ली के अलावा मुंबई, बंगलूरू, आगरा, बरेली, गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई हिस्से में ड्राइवरों को वैक्सीन का पहला डोज दिलाया गया है। कोविड की वजह से ड्राइवरों की मौत पर उनके परिजनों को 75,000 रुपया एकमुश्त सहायता राशि दी जा रही है।