भर्ती होने के लिए दो घंटे अस्पताल के गेट पर तड़पता रहा, मिली मौत 

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती होने के लिए आया था कोविड संदिग्ध ऑक्सीजन लेवल गिरने से हालत हुई थी गंभीर, परिजन सुबह सात बजे ही लेकर पहुंचे थ

भर्ती होने के लिए दो घंटे अस्पताल के गेट पर तड़पता रहा, मिली मौत 

prayagraj news : एसआरएन में परेशान दिखे तीमारदार।

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कोरोना के दौर में मानवीयता कैसे तड़पकर दम तोड़ रहा है। इसका अंदाजा लगाने की जरूरत नहीं है। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय चले जाइए

कोई बेड के लिए, कोई ऑक्सीजन के लिए भटक रहा है। मिन्नते कर रहा है लेकिन व्यवस्था कितनी बेबस और लाचार सी हो गई है। महामारी के आगे उसनेे घुटने टेक दिया है। शुक्रवार की सुबह भी एक वाकया हुआ। कोराना संदिग्ध मरीज दो घंटे तक बेड के लिए, ऑक्सीजन के लिए तड़पता रहा लेकिन उसे दोनों नसीब नहीं हुआ बल्कि मौत ने अपनी आगोश में समेट लिया। 

prayagraj news : एसआरएन में कोरोना संक्रमित मरीज के लिए आक्सीजन सिलेंडर लेकर जाते कर्मचारी। - फोटो : prayagraj
ककरा पहाड़ीपुर निवासी 66 वर्षीय बसंतलाल की तबीयत पांच दिन पहले खराब हुई थी। बुखार, सर्दी और जुकाम थी। पास के किसी डॉक्टर को दिखाकर दवाई ले ली। आराम भी मिला। कोरोना महामारी के बारे में परिवार के सब लोग जान रहे हैं। लेकिन, किसी ने ले जाकर जांच नहीं कराई। वायरल की दवाओं से आराम मिलने के बाद सब लोगों समझ लिया कि ठीक हो गए। इसलिए कोरोना की जांच भी नहीं कराई। मौसमी बुखार समझकर खुद बसंतलाल के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी इग्नोर करते चले गए। लेकिन, बृहस्पतिवार को अचानक सांसे टूटने लगी।

prayagraj news : एसआरएन में मरीज को भर्ती कराने लेकर आते परिजन। - फोटो : prayagraj
शरीर में ऑक्सीजन का स्तर लगातार नीचे आने लगा। ऑक्सीजन लेवल नापने के लिए यंत्र लगाया। रात में यह 90 के नीचे आ गया। सुबह इसमें और गिरावट आई और 78 पर आ गया। परिवार के लोगों ने समझ लिया मामला गंभीर हो रहा है तो उन्हें लेकर अस्पताल भागे। पूरे रास्ते निजी अस्पतालों को भर्ती करने के लिए कहते रहे लेकिन कोई भर्ती नहीं किया। शहर में आधा दर्जन अस्पतालों का दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया। अंत में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय गए और पीएमएसएसवाई बिल्डिंग के दरवाजे पर पहुंचकर चिकित्सकों से भर्ती करने की गुहार लगाई। लेकिन, बेड खाली न होने की बात कहकर भर्ती करने से मना कर दिया गया।

prayagraj news : Covid test - फोटो : prayagraj
तीमारदारों ने कहा कि बेड खाली होने तक के लिए ऑक्सीजन ही दिलवा दें लेकिन चिकित्सालय में उसके लिए भी कोई तैयार नहीं हुआ। तीमारदार बसंतलाल को लेकर सुबह सात बजे पहुंचे थे। पीएमएसएसवाई बिल्डिंग के गेट पर उनके देखते-देखते ऑक्सीजन लेवल 35 पर आ गया और नौ बजे वहीं मौत हो गई। अपने को अपनी आंखों के सामने मौत होते देख परिजन का सीना छलनी हो गया। मौके पर पूरा परिवार के आधे दर्जन लोग खड़े रहे लेकिन कोई कुछ नहीं कर सका। सभी बेबस थे और उनकी रूहें चीत्कार रहीं थीं। आखिर उनके अपने की भयानक बीमारी ने कैसे इतनी जल्दी अपनी आगोश में ले लिया। बसंतलाल के रिश्तेदार धर्मेंद्र ने बताया कि एसआरएन चिकित्सालय में न तो उन्हें भर्ती किया गया और न ही उन्हें वहां ऑक्सीजन मिल सकी।

बसंतलाल की कोरोना की जांच न होने से परिजन शव लेकर घर चले गए और वहां दरवाजे पर शव रखकर खूब रोए। इसके बाद देर शाम शव ले जाकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया। जानकाराें की राय मेें कोरोना दौर में शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक रोजाना कई दर्जनों लोगों के साथ ऐसे ही हो रहा है। जाने-अनजाने में लापरवाही करने से बीमारी उनकी जान पर बन आ रही है। जिसने थोड़ी सी समझदारी दिखाई, उसने तो कोरोना को मात दे दी लेकिन जिसने लापरवाही की तो कोरोना उन्हें नहीं छोड़ रहा है।