Ahmedabad`s Jagannath Rath Yatra Live: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली, देखें यहां
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा, इस बार कोरोना वायरस की महामारी के कारण आज सोमवार को कर्फ्यू के बीच आज निकाली जा रही है
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा आज निकाली जा रही. इस बार कोरोना वायरस की महामारी के कारण यह यात्रा कर्फ्यू के बीच आज निकाली जा रही है. यात्रा से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह मंदिर में मंगला आरती की, जिसके बाद देव प्रतिमाओं को यात्रा के लिए बाहर निकाला गया.Also Read - Jagannath Puri Rath Yatra 2021 Live: पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज, कर्फ्यू के बीच बिना श्रद्धालुओं के हो रही शुरू
गुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा सोमवार सुबह शुरू हो गई. हालांकि कोविड-19 के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए यात्रा के मार्ग में लगाए गए कर्फ्यू के कारण इस बार की रथयात्रा को लेकर उत्सव की उमंग और भीड़ नदारद है. लगभग 100 ट्रकों, हाथियों, अखाड़ों और गायन मंडलियों के सामान्य काफिले के बजाय इस साल की यात्रा में केवल तीन रथ शामिल हैं, जिन्हें खलासी समुदाय के लगभग 100 युवा खींच रहे हैं. इसके अलावा चार से पांच अन्य वाहन शामिल हैं.#WATCH गुजरात: अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकाली जा रही है। pic.twitter.com/MmYFgaYZP1 Also Read - Video: अमित शाह ने मंदिर के हाथी को खिलाए फल, खुश गजराज ने सिर पर कई बार रखी अपनी सूंड
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जनता के भाग न लेने के अलावा, 144वीं रथयात्रा का आयोजन सादे तरीके से कम समय में हो जाएगी. इस बार 12 घंटे के स्थान पर चार-पांच घंटे में यात्रा समाप्त हो जाएगी, हालांकि यह पहले की तरह 19 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. पारंपरिक तौर पर रथों के नेतृत्व में यात्रा, चार सौ साल पुराने मंदिर से सुबह सात बजे शुरू होती है और रात आठ बजे लौटकर समाप्त होती है. इस बार केवल 60 युवाओं को अनुमति दी गई है जिसमें से प्रत्येक रथ को 20 युवा खींच रहे हैं.
इस साल की रथयात्रा में मुख्य पुजारी महंत दिलीप दासजी, रथ पर कुछ पुजारी, मंदिर के न्यासी और 60 युवाओं के अलावा किसी को शामिल होने की अनुमति नहीं है. राज्य प्रशासन और मंदिर अधिकारियों ने जन भागीदारी के बिना सादे तरीके से रथयात्रा निकालने के सारे इंतजाम किए हैं. सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की गई है ताकि कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए यात्रा का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.
राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि देवी-देवताओं के दर्शन की खातिर सड़कों पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकने के लिए रथयात्रा के पूरे 19 किलोमीटर के मार्ग पर सुबह से दोपहर तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.
भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों की यात्रा यहां जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से सुबह करीब 7:00 बजे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा ‘पाहिंद विधि’संपन्न करने के साथ शुरू हुई. यह विधि रथों का रास्ता साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म है. देवी-देवताओं की मूर्तियों को रथों पर रखने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह लगभग चार बजे मंदिर में दर्शन किया और ‘मंगला आरती’ में भाग लिया.
शहर पुलिस के अनुसार, रथ यात्रा कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से भी गुजरती है इसलिए किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मार्ग पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की नौ कंपनियों सहित लगभग 23,000 सशस्त्र कर्मियों को तैनात किया गया है. हर साल रथयात्रा लगभग 12 घंटे में 19 किमी की दूरी तय कर भगवान जगन्नाथ मंदिर वापस पहुंचती है, जिसमें सरसपुर में एक घंटे का भोजन अवकाश भी शामिल है. हालांकि इस बार अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सरसपुर में बड़ी भीड़ जमा नहीं हो.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल परंपरागत रूप से यात्रा से पहले सड़क की सफाई की. आमतौर पर हर साल रथयात्रा में भारी भीड़ एकत्र होती है. लेकिन कोरोना के चलते यात्रा से आम लोगों को दूर रख गया है और सीमित संख्या में यात्रा निकाली जा रही है. बता दें मुख्यमंत्री ने रविवार शाम को मंदिर का दौरा किया और आरती में हिस्सा लिया था.