Bihar Coronavirus : बिहार में कोरोना की तीसरी लहर से पहले डॉक्टरों की ये सलाह याद कर लें, 'बच्चों की सुरक्षा आपके हाथ में है'
Coronavirus Third Wave : बिहार में कोरोना की तीसरी लहर शायद उतनी घातक न हो, लेकिन इससे बचाव के लिए सभी उपायों को अपनाए रहना जरूरी है। ये सलाह मशहूर एक्सप
- बिहार में कोरोना की तीसरी लहर से पहले डॉक्टरों की सलाह
- बच्चों को बचाए रखने के लिए बड़ें भी बरतें सावधानी- एक्सपर्ट
- बाहर से आने पर बगैर नहाए-कपड़े बदले बच्चों के पास न जाएं- एक्सपर्ट
- बच्चों का इम्यून सिस्टम करेगा कोरोना से बचाव में मदद- विशेषज्ञ
पटना:
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे थम रही है। लेकिन इसी के साथ तीसरी लहर पर चर्चा शुरू हो गई है। बच्चों पर सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना की बात को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने माता-पिता से घबराने के बजाय सतर्क रहने का आग्रह किया है।
सभी लोग बरतें सावधानी- एक्सपर्ट
मुजफ्फरपुर के एक बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण शाह का दावा है कि बच्चे वायरस को आसानी से हरा सकते हैं क्योंकि उनके पास मजबूत प्रतिरक्षा यानि इम्यून सिस्टम है। हालांकि डॉक्टर अरुण ने खासतौर पर बड़ों यानि व्यस्कों से कोविड से जुड़ी तमाम सावधानियां बरतने को भी कह रहे हैं। डॉ अरुण कहते हैं कि राज्य में तीसरी लहर आने से पहले बड़ी संख्या में लोगों, विशेष रूप से बच्चों को टीका लगाया जाना चाहिए।'
एक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विवेकानंद के मुताबिक 'सिंगापुर में पाया गया कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों के लिए खतरनाक है, लेकिन यह बहुत चिंता का विषय नहीं है। अगर बच्चों को बाकी टीके मिले हैं, तो उनके भी कोविड-19 से लड़ने की संभावना है।'
बाहर से लौटने पर सीधे बच्चों के पास न जाएं
कोरोना से बचाव के नियमों पर डॉक्टर विवेकानंद कहते हैं कि 'जब भी आप दफ्तर या फिर बाहर से घर लौटें तो बगैर नहाए-धोए और कपड़े बदले बच्चों के पास न जाएं।' इसी तरह की राय चाइल्ड सर्जन प्रीति कश्यप भी दे रही हैं। उनका कहना है कि 'तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी, लेकिन सतर्क तो रहना ही होगा।' वो माता-पिता से डबल मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सैनिटाइजेशन जैसे सुरक्षा मानदंडों को अपनाए रखने और बच्चों को भी कोविड से बचाव के उपाय सिखाने पर जोर देती हैं।
ब्लैक फंगस से बिहार में 55 की मौत
उधर कोरोना के साथ कहर बरपा रहे ब्लैक फंगस ने राज्य में अब तक 50 से ज्यादा लोगों की जान ली है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में ब्लैक फंगस के 513 केस आए और इनमें से 55 मरीजों की मौत हो गई। जबकि 368 का अभी भी इलाज चल रहा है। आईजीआईएमएस में 111, पटना एम्स में 83, पीएमसीएच में 40 और भागलपुर के JNMCH में 9 ब्लैक फंगस पीड़ितों का इलाज चल रहा है।