Bihar Teachers Job ALERT! सिर्फ पटना में पौने तीन हजार शिक्षकों की नौकरी पर संकट, राजद बोला- प्रताडि़त करना बंद करे सरकार
Bihar Teachers Job ALERT! पटना में अब तक 2824 शिक्षकों के कागजातों की जांच नहीं की गई है। ऐसे शिक्षकों की संख्या हर जिले में है। इधर राजद ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार जांच के नाम पर शिक्षकों को परेशान कर रही है।
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य के नियोजित शिक्षकों को एक माह के अंदर अपने आवश्यक कागजात अपलोड करने का निर्देश दिया है। जिन शिक्षकों की निगरानी जांच नहीं हुई है, उनके एक माह के अंदर कराना है। सरकार ने यह शिक्षकों का अंतिम मौका प्रदान किया है। पटना के जिला शिक्षा अधिकारी नीरज कुमार का कहना है कि जिले में अब तक 2824 शिक्षकों के कागजातों की जांच नहीं की गई है। उन्हें सरकार की ओर से अंतिम मौका प्रदान किया गया है। ऐसे शिक्षकों की संख्या हर जिले में है। इधर, राजद ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार जांच के नाम पर शिक्षकों को परेशान कर रही है।
746 शिक्षकों की सेवा पहले ही समाप्त
पटना जिले के 350 नियोजन ईकाइयों की ओर से 12237 शिक्षकों का नियोजन किया गया है। उसमें से अब तक 2824 शिक्षकों का फोल्डर नहीं मिला है। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जिले के 746 शिक्षकों ने या तो नौकरी छोड़ दी है या सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है। कई पर मुकदमा भी दर्ज है। इन शिक्षकों की नियुक्त 2006 से 15 तक की गई थी।
निगरानी जांच के नाम पर शिक्षकों को प्रताडि़त करने की मंशा : राजद
राजद ने नियोजित शिक्षकों से मेधा सूची मांगे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है और जांच के नाम पर उन्हें प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि सरकार यह आदेश वापस ले, नहीं तो राजद आंदोलन करेगा। राजद नेता ने कहा कि शिक्षकों ने शैक्षणिक प्रमाण पत्र शिक्षा विभाग में जमा कर दिया है। फिर भी प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा 90 हजार शिक्षकों को अपनी मेधा सूची निगरानी विभाग के वेब पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। जो शिक्षक नहीं जमा करेंगे, उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा।
सरकार से आदेश वापस लेने की मांग
राजद नेता ने कहा कि नियुक्ति से संबंधित अभिलेखों को सुरक्षित रखने का दायित्व नियोजन इकाइयों का है। फिर शिक्षक वे दस्तावेज कहां से लाएंगे। उनके पास सिर्फ शैक्षणिक प्रमाण-पत्र एवं नियोजन पत्र उपलब्ध हैं। मेधा सूची व अन्य अभिलेख नहीं। ऐसे में नियोजन संबंधी अभिलेखों की मांग कर विभाग शिक्षकों को प्रताडि़त कर रही है। विभाग का यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है तथा शिक्षकों को परेशान करने की बड़ी साजिश है। सरकार यह आदेश को वापस लें।